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Month: October 2019

ગવતી આઈ શ્રી જીવામાં – લખીયાવીરા (भगवती आई श्री जीवा मां-लाखीयावीर

માતૃપૂજાની શરૂઆત તો સૃષ્ટિના આરંભ સાથે જ થઈ હશે. ભારતમાં તો આદિકાળથી જ માતૃપૂજા થતી આવી છે. ઋગ્વદમાં પણ જગદંબાને સર્વદેવોના અધિષ્ઠાત્રી આધાર સ્વરૂપ, સર્વને ધારણ કરનારા સચ્ચિદાનંદમયી શક્તિ સ્વરૂપે…

जांभा सुजस – कवि भंवरदान माडवा “मधुकर”

।।दोहा।।अवनी जीव ऊद्धारणा, संत सुधारणा शम्भ।विश नव जात वधारणा, जय जोगेश्वर जम्भ।। ।।छंद – त्रिभँगी।।जन मन जयकारा, धन तन धारा, अवन उचारा अवतारा।पिंपासर प्यारा, दीन दुलारा, पुन प्रजारा, परमारा।तपस्या तन…

कवि मधुकर छंद रोमकंद निजर

कवि मधुकर छंद रोमकंद निजर सिंढायच चन्दू सती, वर्ण हन्दू रख वात। शरणो दे ऊदल सदू, अवन बंदु अखियात।1 अखियात सुगात प्रभात उचारत, मात चन्दू वर्ण जात मही। तव आणद…

माँ खोडियार

આઈ શ્રી ખોડિયાર માં મહત્તવ અને ઓળખશક્તિપુજા ભારતીય સંસ્કૃતિનું પ્રાચીન અંગ છે. ભારત માં અંબાજી, સરસ્વતી, લક્ષ્મી, પાર્વતી, આધ્ય શક્તિ શ્રીવેરાઈ, મહાકાળી, ખોડિયાર, હોલમાતાજી, બહુચર, ગાયત્રી, ચામુંડા, હિંગળાજ ભવાની, ભુવનેશ્વરી,…

चारण देवियां

◆हिमालय चारणों की आदि भोमका। ◆राजा पृथु हिमालय की तपोभूमि से चारणों को आर्यावर्त की पवित्र भूमि पर ले आए। ◆चारणों का जीवन मानव जाति की उत्पत्ति से लेकर आज…

चारण कथाकारों का परिचय

हमारी सप्तरंगी संस्कृति में कथाओं और कथाकारों का विशेष महत्व हैं। पौराणिक और लौकिक विषयों से जुङी कथाओं को कलात्मक और रौचक अंदाज में जनसामान्य तक पहूंचाने का महनीय कार्य…

आई श्री मोगल माँ

◆आसो सूद तेरस ऐटले आईश्री मोगल मांना थडानो प्रागट्य दिवस.◆तेरस मोगल थडा नो प्रागट्य दिन, जन्म दिवस नही◆जन्मदिवस तो आसो नी अजवाळी सातम ज्यारे मिठापुर के भिमराणा ओखा ना चारणो…

श्री वांकल माँ

राजस्थान के बाड़मेर जिले में चौहटन उपखंड मुख्यालय से 9 किलोमीटर दूर पश्चिम दिशा की तरफ रेतीले टीबे और पहाड़ियों के बीच स्थित है। जो कि श्री वाकल धाम महातीर्थ…

श्री करणी माता का इतिहास – डॉ. नरेन्द्र सिंह आढ़ा

श्री करणी माता का जीवन-वृत्तान्त श्री करणीमाता के पिता मेहाजी जो किनिया शाखा के चारण थे। उनको मेहा मांगलिया से सुवाप नामक गाँव उदक में मिला था, जो जोधपुर जिले…

धाट री प्रीत अर रीत- आशूदान मेहड़ू

आदरणीय सभी स्वजातिय धाटवासी सज्जनों। दो दिन पहले मैंने सिंधी भाषा मे “पारकर जी प्रीत” नामक शीर्ष से मेरी जन्मभूमि को लोरी दी थी, सिंधी एवं कच्छी भाषा के धाट…