हरख आँगणैं आय दीयाळी
सुख सगळै कर ज्याय दीयाळी
कूङ कपट रो काळोपण स्सो
तम जाळा हर ज्याय दीयाळी
नेण निरोगा मन सो’राई
जन मन रै कर ज्याय दीयाळी
खोटोङां नैं सदबुधी दै
साचोङां घर ज्याय दीयाळी
भायां भैळो हैत भाव रो
भंडोरो भर ज्याय दीयाळी
रिसपतखोर्यां सूं रूसीजै
आफरियो झर ज्याय दीयाळी
कङकां करतो सकल कङूंबो
तव पूजै तर ज्याय दीयाळी
मन अरजी मालकणीं म्हारी
छैल बुलावै आय दीयाळी।।
छैलू चारण “छैल”