Thu. Nov 21st, 2024

नगेन्द्र बाला (जन्म- 13 सितम्बर, 1926)

परिचय⤵
नाम- श्रीमति नगेन्द्र बाला
पिताजी का नाम- रणजीतसिंहजी
गोत्र/शाखा- सौदा-बारहठ (चारण)
जन्म दिनाक- 13 सितम्बर 1926
स्वर्गवास – 84 वर्ष की आयु में सितम्बर, 2010 में
गाँव- कोटा – निवास

नगेन्द्र बाला (जन्म- 13 सितम्बर, 1926; श्रीमति नगेन्द्र बाला कोटा, राजस्थान) भारत की प्रसिद्ध महिला स्वतंत्रता सेनानी थीं। वे देश में ज़िला प्रमुख बनने वाली प्रथम महिला थीं। वे दो बार विधायक के पद पर भी रहीं। उन्होंने 1941 से 1945 तक किसान आन्दोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। नगेन्द्र बाला राजस्थान के हाड़ौती क्षेत्र की पहली महिला थीं, जिन्होंने महिलाओं में राष्ट्रीय चेतना का प्रसार किया। सदैव महिला कल्याण कार्यों से जुड़ी रहीं।

नगेन्द्र बाला का जन्म 13 सितम्बर, 1926 को हुआ था। वे प्रसिद्ध क्रान्तिकारी केसरी सिंह बारहठ की पौत्री और प्रताप सिंह बारहठ की भतीजी थीं। उनकी शुरू से ही जनसेवा, राजनीति और महिला उत्थान जैसे कार्यों में विशेष रुचि रही थी।

वर्ष 1942 के स्वाधीनता आंदोलन में नगेन्द्र बाला ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के निधन पर वे दिल्ली से अस्थि कलश लेकर कोटा आईं और चम्बल नदी में उनकी अस्थियां विसर्जित की।

पंचायती राज व्यवस्था लागू होने के बाद नगेन्द्र बाला वर्ष 1960 में कोटा की पहली ज़िला प्रमुख बनी थीं। वे देश में ज़िला प्रमुख बनने वाली प्रथम महिला थीं। दो वर्ष तक ज़िला प्रमुख रहने के बाद नगेन्द्र बाला 1962 से 1967 तक छबडा-शाहाबाद और 1972 से लेकर 1977 तक दीगोद से विधायक रहीं।

वह 1982 से 1988 तक ‘समाज कल्याण बोर्ड’ की अध्यक्ष रहने के साथ ‘राज्य महिला आयोग’ की सदस्य भी रहीं। विनोबा भावे के साथ पदयात्रा में शामिल नगेन्द्र बाला ने कोटा में ‘करणी नगर विकास समिति’ की स्थापना भी की तथा समिति के भवन के लिए अपने परिवार की जमीन उपलब्ध कराई।
नगेन्द्र बाला का निधन 84 वर्ष की आयु में सितम्बर, 2010 में हुआ। कोटा, राजस्थान के ‘किशोरपुरा मुक्तिधाम’ पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंत्येष्टि संस्कार किया गया। महिला होकर नगेन्द्र बाला ने विपरीत सामाजिक परिस्थितियों में जो कार्य किए वह आज की नारी के लिए न केवल अनुकरणीय हैं बल्कि आगे बढऩे के लिए प्रेरित भी करते हैं.

महिला सशक्तिकरण का श्रेष्ठ उदाहरण स्वर्गीय नगेन्द्र बाला जी की आज जयंती है। करणी सेवा मंडल उदयपुर 2008 में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आपने जो अविस्मरणीय भाषण दिया ,वो आज भी प्रासंगिक हैं। आप सदैव महिलाओं को आत्मनिर्भर करने व शिक्षा में आगे बढ़ाने के लिए पक्षधर थी
महिला सशक्तिकरण के लिए आपके द्वारा स्थापित की गई संस्था आज भी कोटा में उल्लेखनीय कार्य कर रही है।
नमन है ऐसी महान विभूति को।
महेंद्र सिंह चारण
संपादक
चारणत्व मेगज़ीन
उदयपुर

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *