दौरा दिन बै देस रा,
फोरा साव फिरंग।
मच मच गौरा मारिया,
रंग रे जोरा रंग।।01।।
भ्राता-सुतन प्रताप भड़,
सदा रैयो जिण संग।
सखा केसरीसिंह सो,
रंग जोरावर रंग।।02।।
मातभोम दुख मेटबा,
आराध्यो इकलंग।
मलफ्यो मस्त मतंग ज्यूं,
रंग जोरावर रंग।।03।।
ऊमर भर अज्ञात रह,
करी न कोई कुसंग।
डट्यो रह्यो डिगियो नहीं,
रंग जोरावर रंग।।04।।
फिर फिर थक्या फिरंगिया,
सोध न सक्या सुरंग।
भेष बदळ भरमा दिया,
रंग जोरावर रंग।।05।।
आयो हाथ न उम्र भर,
फिर फिर थक्या फिरंग।
ढोल घुरै इण ढंग रा,
रंग जोरावर रंग।।06।।
अड़ियो जा अंगरेज सूं,
उर धर तेज उमंग।
जबर जंग में जूझियो,
रंग जोरावर रंग।।07।।
राणा पातल ज्यूं रखी,
आस एक इकलंग।
हर पल जूझ्यो देस हित,
रंग जोरावर रंग।।08।।
सौदा और सिसोदिया,
ख्यात बजावण खंग।
विरुद निभायो वीरवर,
रंग जोरावर रंग।।09।।
अनोप कंवर अर्द्धांगिनी,
सत जिणरो ले संग।
जती लखण जिम जीवियो,
रंग जोरावर रंग।। 10।।
होर्डिंग री हेंकड़ी,
कीय भतीजै भंग।
दिल्ली कीनी दंग थैं,
रंग जोरावर रंग।।11।।
ऊजळ जस इळ ऊपरै,
रहसी अटल अभंग।
‘गजादान’ गरबै कहै,
रंग जोरावर रंग।। 12।।
–डॉ. गजादान चारण ‘शक्तिसुत’