काव्यशास्त्र विनोद का अनूठा मंच काव्य-कलरव पटल
हमारे काव्यमनीषियों ने लिखा कि विद्वान एवं गुणी लोग काव्यशास्त्र विनोद में अपना समय सहर्ष व्यतीत करते हैं जबकि मुर्ख व्यक्ति का समय या तो नींद लेने में बीत जाता…
हमारे काव्यमनीषियों ने लिखा कि विद्वान एवं गुणी लोग काव्यशास्त्र विनोद में अपना समय सहर्ष व्यतीत करते हैं जबकि मुर्ख व्यक्ति का समय या तो नींद लेने में बीत जाता…
सुनने के लिए विडियो लिंक पर क्लिक करें। स्वर- कुलदीप गढवी हे चारणी सुख कारणी ब्रह्मचारणी आई सरण। सच्चिदानंद सारदा मंगळमयी मणमूं चरण।।1।।टेर अम्बिका आवड़ आस पूरण हां तिहारा हि…