Fri. Jul 18th, 2025
सुनने के लिए विडियो लिंक पर क्लिक करें। स्वर- कुलदीप गढवी

हे चारणी सुख कारणी ब्रह्मचारणी आई सरण।
सच्चिदानंद सारदा मंगळमयी मणमूं चरण।।1।।टेर

अम्बिका आवड़ आस पूरण हां तिहारा हि बाळ म्हे।
जग तारणी अघ हारणी कुरू प्रणत री प्रतिपाळ थे।।2
हे चारणी सुख कारणी………………

पुरवजां सम नीती पथिक व्हां मात भोमी भगत म्हे।
सूरा उदार रू सत्त वकता अम्रत मई अनुरकत म्हे।।3
हे चारणी सुख कारणी………………

द्रढ़ वीर व्रति सेवक बणां अरू पढां सम दम पाठ म्हे।
अगनी परीक्षा में अडिग रह बढां संयम बाट म्हे।।4
हे चारणी सुख कारणी………………

यम यातना व्हो नरक दुख करतव्य पथ छोड़ा न म्हे।
दम दम तिहारो जप जपां मर मिटां मुख मोड़ा न म्हे।।5
हे चारणी सुख कारणी………………

आसिस उचारो अन्नपूरण श्री चरण में लीन व्हे मन।
म्हां हिये सींचो अमृत ‘सोनल’ प्रेममयी लागै लगन।।6
हे चारणी सुख कारणी………………

By admin

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