इंद्र सु आशी – रचना- राजेंद्रदान (कवि-राजन)
इंद्र सु आशी सरवत तव समरण करू ब्रह्मा विष्णु महेश । मन भर बरसे मेहूडा इल पर आव।इन्द्रेश । छंद त्रिभंगी ऐरावत आळा कर किरपाला दीन दयाला दातारा । बरसे…
इंद्र सु आशी सरवत तव समरण करू ब्रह्मा विष्णु महेश । मन भर बरसे मेहूडा इल पर आव।इन्द्रेश । छंद त्रिभंगी ऐरावत आळा कर किरपाला दीन दयाला दातारा । बरसे…
छंद – नराच *जळाहळा जळाहळा प्रचंड तेज पुंज हो.* *निशा विडार भंज घोर आपही अखंड हो.* *प्रमाद खंड खंडना प्रभो अखंड आप हो.* *नभोमणी प्रभाकरा दिवाकरा प्रणाम हो.* *ग्रहा भुपाळ…
च्यारां कानी वरसाल़ो लूंबियो। सांवण रा लोर लटूंबिया। घणघोर कांठलां बणाव कियो। आभै में बीजल़ी रा पल़ाका अर धरा माथै मोरां रो कल़ाव बखाणणजोग है पण गारबदेसर ठा.किसनसिंहजी एक बात…
।।दोहा।। सुरपत केम बिसारियो, मरुधर हंदो मोह। मारण सूं अबखो मरू, बरखा तणो बिछोह।। ।।छंद – सारसी।। बरखा बिछोही शुष्क रोही, और वोही इण समैं। मघवा निमोही बण बटोही, हीय…
कवि मनमौजी अर कंवल़ै काल़जै रो हुवै। जिण मन जीत लियो कवि उणरो कायल। इण मामलै में वो छोटो कै मोटो नीं देखै। ओ ई कारण है कै वो निरंकुश कहीजै। बुधजी…
जय हिंगलाज सम्मानित देवियों और सज्जनों । 🙏🏻🌹🙏🏻🌺🙏🏻🌻🙏🏻🌸🙏🏻🌷🙏🏻 श्री चारण विकास परिषद् राजस्थान एक सामाजिक संगठन से ज्यादा एक भाव, एक विचार है जिसका अंतिम ध्येय ठेठ पिछली पंक्ति के…
विगत दिनों किसी मित्र ने बताया कि उसका पुत्र अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय एवं महाविद्यालय से शिक्षा ग्रहण करके अभी अमेरिका में “व्यक्तित्व-विकास” की कक्षाएं लगाता है, जिनमें हजारों विद्यार्थी…
*मेहडू शाखा का परिचय* चारण-साहित्य का इतिहास बहुत ही प्राचीन है। चारण-कुलोत्पत्र लोकपूज्य देवियों की महिमा तथा सर्वाधिक काव्य-रचना के कारण इस जाति के अनेक पर्यायवाची शब्दों की व्युत्पत्ति…