Sat. Apr 19th, 2025

छंद – नराच
*जळाहळा जळाहळा प्रचंड तेज पुंज हो.*
*निशा विडार भंज घोर आपही अखंड हो.*
*प्रमाद खंड खंडना प्रभो अखंड आप हो.*
*नभोमणी प्रभाकरा दिवाकरा प्रणाम हो.*
*ग्रहा भुपाळ हे कृपाळ व्योम विंद वेद हो.*
*त्रयोवृता तपोधनी महा महीम मान हो.*
*रसो प्रवाह मंजुला रसाधिराज राज हो*
*नभोमणी प्रभाकरा दिवाकरा प्रणाम हो.*
*चरो गता धुरा ग्रही चराचरी उथान हो.*
*उडेल तत्व रश्मीराज हंसराज गेल हो.*
*तपोगमा त्रिताप हार हा दयानिधान हो.*
*नभोमणी प्रभाकरा दिवाकरा प्रणाम हो.*
*भरा भरा ऋता रसीक दोउ चाल यान हो.*
*नवी नवी वंसुधरा खरा खरा महान हो.*
*अदान हो प्रदान हो विधान ग्यान खान हो.*
*नभोमणी प्रभाकरा दिवाकरा प्रणाम हो.*
*हिमा करा शशी रयो उषा अमा प्रमान हो.*
*अहो उदागिथो अनंत प्राण देव दान हो.*
*दयानिधी अमोघ देव भोक्त भुक्त कार हो.*
*नभोमणी प्रभाकरा दिवाकरा प्रणाम हो.*
*पृहा उजाल ज्योत ब्रह्म चेतना विशाल हो.*
*प्रकाश लम् वम् रम् यम् हम् कार हो.*
*अनंत आप अंत हीन सुष्ट्री पुष्टहार हो.*
*नभोमणी प्रभाकरा दिवाकरा प्रणाम हो.*
*तमस् भंज भामिणा त्रयो भुवन नाथ हो.*
*वदे त्रिछंद आछिदो अमोघ आश्र पाद् हो.*
*वरोद्य ईष्ट् देवदेव विज वंद्य् प्राण हो.*
*नभोमणी प्रभाकरा दिवाकरा प्रणाम हो.*

रचिता – चारण विजयभा हरदासभा बाटी.

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