Thu. Nov 21st, 2024
जय हिंगलाज सम्मानित देवियों और सज्जनों । 
🙏🏻🌹🙏🏻🌺🙏🏻🌻🙏🏻🌸🙏🏻🌷🙏🏻



श्री चारण विकास परिषद् राजस्थान एक सामाजिक संगठन से ज्यादा एक भाव, एक विचार है जिसका अंतिम ध्येय ठेठ पिछली पंक्ति के चारणों को सामाजिक विकास की मुख्य धारा में लाना है । और इसके  लिए परिषद् दृढ़प्रतिज्ञ है ।


आप सभी ने एक बात महसूस की होगी कि इस अभिनव सामाजिक संगठन में बड़े बड़े नाम नहीं है ।  इसके पीछे मुख्य रूप से दो कारण हैं- 
पहला – सामाजिक पटल पर बड़ा किसको कहेंगे ! बड़ा शब्द ही अपने आप में एक पहेली है । 
पद- प्रतिष्ठा- पैसों में बड़ा या फिर समाज के प्रति  समर्पित भाव में बड़ा ?
दूसरा– समाज की जाजम पर कोई छोटा- बड़ा नहीं होता ।
 हाँ, माँ हिंगलाज का नाम निर्विवाद रूप से सबसे बड़ा है और वही इस संगठन की पहली और आखिरी अध्यक्ष है । सो


 परिषद् के स्वयंसेवकों को बड़े- छोटे की हीनता के बोध से ग्रसित होने की कतई जरूरत नहीं है ।


यह वर्ष 2019 परिषद् के सांगठनिक विस्तार का वर्ष है । चुंकि परिषद् का उद्गम स्थल जालौर है अस्तु गत रविवार , दिनांक 21.07.2019 को संगठन विस्तार का शुभारंभ देवनगरी जालौर से ही किया गया ।


जालौर के चारण छात्रावास में माँ हिंगलाज की अध्यक्षता एवं  परिषद् के संस्थापक स्वयंसेवक आवड़सा कोटड़ा के संयोजन में हुई जालौर चारण समाज की बैठक में सर्वसम्मति से रघुवीरसा देवल (गंगावा) को जालौर जिला संयोजक, एडवोकेट करणी दान सा वर्णसूर्य(मोतीसरी) को सहसंयोजक, व्यवसायी हरीसिंह सा बारहठ(खारी) को कोष प्रभारी एवं यूवा व्यवसायी भगवान सा (अमरपुरा )को रक्तकोष व आपातसेवा प्रभारी का दायित्व सौंपा गया ।
इस हेतु वहां आए केंद्रीय कार्यकारिणी के मुख्य संयोजक मदनदान सा ढाढरवाला, वरिष्ठ स्वयंसेवक भगवान सा खारी,गोविंदसा सिहू और नारायणसिंह तोलेसर ने नवनिर्वाचित जालौर जिला कार्यकारिणी को एक मास में तहसील स्तरीय सशक्त टीम तैयार  करने की भोळावण दी ।
इन सभी स्वयंसेवक साथियों को चारणी संस्कृति और चारण समाज के समग्र विकास हेतु पूर्ण समर्पित भाव से काम करने की अग्रिम शुभकामनाएं देता हूँ ।
इस अवसर पर जालौर चारण समाज के सुयोग्य अध्यक्ष बद्रीदान सा नरपुरा,नांदिया के पूर्व सरपंच नारायणसिंह सा वर्णसूर्य, प्रो अर्जुनदानसा उज्ज्वल, अपणायत ट्रांसपोर्ट के हिंगलाज दान लाल़स,जुढिया, वार्डन लक्ष्मणदान सा, शंभूदान सा आशिया, भैरूसिंह सा सहित अनेक सज्जन उपस्थित थे ।


परिषद् का यह मानना है कि सामाजिक संगठन या समाज को जोड़ने का माध्यम सगतियाँ या महापुरुष ही हो सकते हैं ।
इसलिए प्रत्येक जिला इकाई अपने जिले में वर्ष में एक सगत का जयंती महोत्सव और एक उस जिले के सर्वमान्य महापुरुष( संत, सूरमा या साहित्यकार) की जयंती महोत्सव का विराट आयोजन करेगी । साथ ही प्रति वर्ष बारहठ त्रिमूर्ति के तीन जयंती महोत्सव अनिवार्य रूप से आयोेजित करेगी ।


परिषद् के विधान के अनुसार प्रत्येक स्वयंसेवक का यह दायित्व होगा कि वह –
१. निर्लिप्त भाव से बिना किसी नाम,पद या प्रतिष्ठा की लालसा के काम करेगा ।
२. मन – वचन – कर्म से चारणत्व भावों को आत्मसात करके मद्य- माँस- मांगन( टीका या किसी भी प्रकार का तकाजा) से दूर रहेगा ।
३. मंच- माला -महफिल से भी दूर रहेगा । मातृशक्ति का सम्मान करेगा तथा  अपने व्यक्तिगत जीवन में भी चारणाचार का कड़ाई से पालन करेगा।
४. व्यक्तिगत निंदा या स्तुति से यथासंभव परहेज करेगा । हाँ , स्तुत्य प्रयास या वंदनीय काम करने वाले की संयमित प्रशंसा कर सकेगा ।
५. प्रयास करेगा कि उसकी कथनी और करनी में किसी भी प्रकार का भेद नहीं रहे ।


बंधुओं ! आज हमारा गौरवशाली चारण समाज सांस्कृतिक प्रदूषण के अतिविकट और विध्वंसात्मक  दौर से गुजर रहा है ।
सो अब यदि समय रहते हम अपने सामाजिक मूल्यों व सांस्कृतिक प्रतिमानों को नहीं बचा पाए तो हमें हमारी भावी पीढियाँ कभी भी माफ नहीं करेगी ।
और इसके लिए जरूरी है कि हम व्यष्ठि ( व्यक्तिगत प्रयास) से समष्ठि ( सामुहिक प्रयास) भाव को अपनाएं ।
यही कारण है कि हमें श्री चारण विकास परिषद् राजस्थान के बैनर तले एकजुट होकर काम करने की जरूरत महसूस हुई ।
मैं व्यक्तिश: यह मानता हूँ कि चारण समाज के विकास के लिए काम करने वाले सभी संगठन यथायोग्य वंदनीय काम कर रहे हैं । परंतु उन सभी में उचित सामंजस्य का नितांत अभाव है । अस्तु परिषद् स्वयंसेवक होने के नाते मैं सभी सामाजिक संगठनों के सम्मानित पदाधिकारियों का आह्वान करता हूँ कि हम सभी को एक एक कदम आगे बढकर पारस्परिक तालमेल कायम करने का सद्प्रयास करना चाहिए ।
आप सभी के सुमंगल एवम् चारण समाज के स्वर्णिम भविष्य की मंगल कामना के साथ 


– नारायणसिंह तोलेसर
श्री चारण विकास परिषद् राजस्थान
🚩🌼🚩🌼🚩🌼🚩🌼🚩🌼🚩

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *