छंद – हरीगीत – रचिता – चारण विजयभा हरदासभा बाटी.
छंद=हरीगीत *चल छोड दे अब छोड दे तुं वृथा चिंता छोड दे.* *ताहरे अधीन है कर्म तो तुं कर्म नाता जोड दे.* *होनी हरीवर हाथ रखियो सकल फिर जंजाळ है.*…
छंद=हरीगीत *चल छोड दे अब छोड दे तुं वृथा चिंता छोड दे.* *ताहरे अधीन है कर्म तो तुं कर्म नाता जोड दे.* *होनी हरीवर हाथ रखियो सकल फिर जंजाळ है.*…
👉 उफ ! यह आजादी…👈 ” आतंकवादी “??? यह आजादी, गज़ब आजा़दी, सारा विश्व सुलग रहा । मानव भक्षक बन मानव का , आतंक खेल उल्झ रहा । मंदिर, मस्जिद,…
आज विचार आया कि इस संसार में गर्ज क्या क्या रंग दिखाती है एवं गर्ज मे फर्ज़ की फाड कैसे फिट हो जाती है । इस गर्ज मे फर्ज़ की…
आज पहलां री भांति जद कोई जोगो विषय हाथ लागे तो किं नुंए अंदाज रे मांहि आपरे चरणाँ धके निजर करां। आ सोच ने कवि लिखजे अबे याद आएगो…. अर…
वोटर री छाप – हार जीत री बाप वोटर थारी कल्ला गज़ब है, छाप थारी बलवारी है। थूं छिपके जिणने छाप चेप दे- वाँ घर मयँक सवारी है।। वोटर थारी…
आज का प्रश्न यह है कि हम ईश्वर चिंतन, भगवत गुणगान, मैया की वंदना एवं यज्ञ आदि खूब करते हैं परन्तु हमारी प्रार्थनाएं जो शतप्रतिशत फलीभूत हों, हमें मन चाही…
रामजी ने घर क्यां छे घर क्यां छे! राघव ने आजे , जोओ ! आपणा राम रड़ी गया। माल मफत नो मारी मारी , माड़ी,बंगला, महल करी गया । खटपट…
मैं देख देख हो रहा निहाल जिंदगी, कदम कदम पे कर रही कमाल जिंदगी। वो गाँव जो कि टीबड़ों के बीच में बसा हुआ, कि अंग अंग अर्थ के अभाव…
आत्म हत्या महा पाप है, विगत कई सालों से बाडमेर जिले में आत्म हत्याएं करने वालो की बाढ आ गई है। क्षणिक आवेश में आकर अपनी सम्पूर्ण इहलीला समाप्त कर…