मूलदानजी देपावत देशनोक में जन्मे थे और श्री करणी मंदिर निजी प्रन्यास के लंबे समय तक सचिव रहे। विभिन्न कार्यों को देखा करते थे और षटसती समारोह उन्हीं के नेतृत्व में या उनकी देखरेख में मनाया गया था। एक सफल समारोह के रूप में आज भी सभी लोगों में बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यक्रम रहा श्री मूलदानजी राजस्थानी के बहुत बड़े साहित्यकार थे और विद्वान व्यक्ति के रूप में उनकी बड़ी अमिट छाप है उनकी कई पुस्तकें राजस्थानी भाषा साहित्य अकादमी से प्रकाशित हुई उसके अलावा उनकी पाठ्यपुस्तक जो ऐम ऐ हिंदी राजस्थानी के हिंदी में भी लगती है उसका नाम है बुगचो।
परिचय⤵
नाम- मूलदान
पिताजी का नाम- गुणदानजी
मातृश्री का नाम- ऊगमकंवर
जन्म दिनाक- 02/2/1943
पुण्यतिथि- 01/06/1998
गोत्र/शाखा- देपावत
गाँव- देशनोक
तहसील- बीकानेर
जिला- बीकानेर (राज.)