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Month: May 2019

बूढी माँ रे काळजियै री’- प्रहलादसिंह झोरड़ा

मन री बातां जाणी के, जाणी तो अणजाणी के बूढी माँ रे काळजियै री पीड़ा कदै पिछाणी के  तूं जद भी घर सूं निकळै तो कितरा देव मनावै बा झुळक…

शहीद कुंवर प्रतापसिंहजी माथै गीत चित इलोल़ – कवि वीरेन्द्र लखावत

।।दूहा।। अखियातां राखण अमर, शाहपुरौ सिरमोर। सुत केहरी परताप सो, हुऔ न हरगिज और।। गावै जस गरवौ जगत, जाण मणी मां जाण। दूध उजाल़्यौ दीकरौ, इधकौ ईश्वर आण।। जीयौ तौ…

अमर शहीद प्रताप बारहठ रै प्रति- गिरधरदान रतनू दासोड़ी

पुण्यात्मा प्रतापसिंह बारठ को सश्रद्ध नमन मरदां मरणो हक्क है, मगर पच्चीसी मांय। महलां रोवै गोरड़ी, मरद हथायां मांय।। इस सपूत के समग्र पूर्वजों ने मातृभूमि के हितार्थ व स्वाभिमान…

कुळ चारण लुळ नमन करै – कवि गिरधर दान रतनू “दासोडी

हल़्दीघाटी अर स्वतंत्रता आंदोलन रै सौदा सूरां नैं समर्पित एक छंद किन्हीं राजस्थानी कवि ने माओं को संबोधित करते हुए कहा है कि अगर उनके लड़के में बारह वर्ष में…

चारण-गढवी समाज ना IAS, IPS अधिकारी अने वर्ग-1 अने 2 ना अधिकारीओ नी माहिती तैयार करवा माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

चारण-गढवी समाज ना IAS, IPS अधिकारी अने वर्ग-1 अने 2 ना अधिकारीओ नी माहिती तैयार करवा माटे नानकडो प्रयास करेल छे. IAS अधिकारीश्रीओ -------------------------- (1) श्री ऐस.के.लांगा - कलेकटरश्री, गांधीनगर…

जोधपुर थापना दिवस री सगल़ै सैणां नै बधाई अर शुभकामनावां- गि.रतनू

अरि दल़ण अखियात ओ, भेर तपै वँश -भांण। जोध बसायो जगत में, जस जोगो जोधांण।। मोरधव्ज चावो मुदै, महि हद पावण मांण। गढां सिरोमण गाढधर, जग जोवो जोधांण।। वीसहथी नै…

आ बतलाऊँ क्यों गाता हूँ ? – कवि मनुज देपावत (देशनोक)

आ बतलाऊँ क्यों गाता हूँ ? नभ में घिरती मेघ-मालिका, पनघट-पथ पर विरह गीत जब गाती कोई कृषक बालिका ! तब मैं भी अपने भावों के पिंजर खोल उड़ाता हूँ…

भव का नव निर्माण करो हे- कवि मनुज देपावत (देशनोक)

भव का नव निर्माण करो हे ! यद्यपि बदल चुकी हैं कुछ भौगोलिक सीमा रेखाएँ; पर घिरे हुए हो तुम अब भी इस घिसी व्यवस्था की बोदी लक्ष्मण लकीर से…

आज जीवन गीत बनने जा रहा है- कवि मनुज देपावत (देशनोक)

आज जीवन गीत बनने जा रहा है ! ज़िंदगी के इस जलधि में ज्वार फिर से आ रहा है ! छा गई थी मौन पतझड़ की उदासी, गान जब से…