लेखणी जद कर लियो कड़पाण आजादी मिली
और कविता जद हुई अगवाण आजादी मिली
शंकरै सामौर, बांकीदास, सूरजमल्ल रा
गीत बणियां जद अगन रा बाण आजादी मिली
भरतपुर रा जाट ली जद धार आजादी मिली
आऊवा ठाकुर भरी हुंकार आजादी मिली
लक्ष्मी बाई, तांतिया अर वीर मंगल जद अठै
होम दीना जंग में घर बार आजादी मिली
देश ने दौरी किती आ जाण आजादी मिली
राख दीनां जद हथेली प्राण आजादी मिली
बोस बिस्मिल चन्द्रशेखर भगतसिंह परताप सा
सूरमां रे बूकियां रे ताण आजादी मिली
नौजवां जद थाम ली तलवार आजादी मिली
बैरियां नै जद भगाया मार आजादी मिली
गांव ढाणी में मजूरां और किरसांना अठै
भारती री जद करी जयकार आजादी मिली
प्रहलादसिंह झोरड़ा