कण -कण में कङपाण, भरे जुगभाण जठै |
रंगरूङौ मरुदेस, मिनख रो माण जठै ||
धोरङियां रे बीच, धरम री धरती है |
तावङिया में तपै, ठण्ड में ठरती है |
रूंखा छाई रेत, रतन रंग रळती है |
मिजमानां मनुवार, मुळकती करती है ||
माटी री मै’कार, मक्खण मिस्टाण जठै |
रंगरूङौ मरुदेस, मिनख रो माण जठै ||
पुस्कर तीरथराज, परम रजधानी है |
ॠसभदेव री ओट, धरम सब मानी है |
धिनो झोरङा धाम, सकल जग जाणी है |
फौजां री रिछपाळ, तनोट धिराणी है ||
काबां वाळी करणी, माँ देसाण जठै |
रंगरूङौ मरुदेस,मिनख रो माण जठै ||
पाबू, गोगा, रामदेव पंचपीरां में |
स्यामधणी खाटू, घर -घर तस्वीरां में |
जाम्भोजी री सीख, जगत में न्यारी है |
ख्वाजा रो अजमेर, जोहङ गुरुवां री है ||
तेजा री तपभौम, धरा नागाण जठै |
रंगरूङौ मरुदेस,मिनख रो माण जठै ||
झीलां री जागीर, उदैपुर मगरी है |
हवा महल री साख, गुलाबी नगरी है |
अभिमानी चित्तौङ, देस री पगङी है |
जबरौ जैसलमेर, ऊँठ धन सागङी है ||
हाङौती, कुरू, माळ, जाँगळ, जोधाण जठै |
रंगरूङौ मरुदेस,मिनख रो माण जठै ||
पीळै बादळ पूग, खेत री पांथां में |
पच -पच बाळै चाम, पसीनो माथां में |
माणस खुद तकदीर, लिखे निज हाथां में |
मैं’णत हरखै मोद, उबळती बाथां में ||
सांसां रै संगीत, जीवण जसगाण जठै |
रंगरूङौ मरुदेस,मिनख रो माण जठै ||
मरद गरजता सिंघ, ढाल हिन्दवाणी है |
रमतोङा रणवीर, जुद्ध अगवाणी है |
पाथल1अर परताप2,अमर मेवाङी है |
पीथल3 ,दुरगादास, रखी रजवाङी है ||
स्वाभिमान हित सदा, समरपित प्राण जठै |
रंगरूङौ मरुदेस,मिनख रो माण जठै ||
जौहर री जङ नार, नंगी तलवारां है |
मरजादा रै समंद ,रमै रणधारां है |
मातृभौम पर भेंट, पूत पन्नां रा है |
पद्मणियां पण धार, चढी अंगारां है ||
पीवै विस रा घूंट, मीरां पै’चाण जठै |
रंगरूङौ मरुदेस,मिनख रो माण जठै ||
~प्रहलादसिंह ‘झोरङा’
संकेत- 1.पाथल -राणा प्रताप
2.परताप -प्रतापसिंह बारहठ
3.पीथल- पृथ्वीराज राठौङ