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Month: April 2019

एकली ऊभी अयोध्यानी नार=चारणकवि पद्मश्री कागबापु द्वारा रचीत भजन

एकली ऊभी अयोध्यानी नार=चारणकवि पद्मश्री कागबापु द्वारा रचीत भजन एकली ऊभी कोइ अटूली अजोधानी ना…र (२); बाप बेटानां दाण मांगे छे,मसाणुं मोझार एकली ऊभी… राणी हती ते दासी बनेली,दास थयो…

जुढिया में उमड़ा भक्ति का सैलाब- बालेसर: बालेसर के पास स्थित श्री सैणल धाम जुढिया में मां सैणी के जन्मोत्सव के दो दिवसीय कार्यक्रम में कई भव्य आयोजन हुए।

जुढिया में उमड़ा भक्ति का सैलाब जय जयकारों से गूंज उठा राजगढ धोरा आंगी गैर दल की प्रस्तुति पर झूमे हजारों भक्त   बालेसर: बालेसर के पास स्थित श्री सैणल…

म्हारी अनूदित पोथी आस्था री मंदाकिनी सूं एक निबंध आप सब विद्वानां रै पठनार्थ- डॉ गजादान चारण ‘शक्तिसुत’

म्हारी अनूदित पोथी आस्था री मंदाकिनी सूं एक निबंध आप सब विद्वानां रै पठनार्थ – डॉ गजादान चारण ‘शक्तिसुत’ बरसां सूं अजोध्या नगरी मांय उदासी छायोड़ी है। सगळा लोग-बाग आप-आपरै धरम-करम…

चारणकवि श्री शंकरदान जेठीदान देथा द्वारा रचीत हिंगलाज माताजी नो छंद हरिगीत = हिंगला अधहारणी

चारणकवि श्री शंकरदान जेठीदान देथा द्वारा रचीत हिंगलाज माताजी नो छंद हरिगीत = हिंगला अधहारणी                     दोहो उपजावनी खपावनी, विश्वंभरी वडराय, जय…

धर्मना भाइ माटे बलिदान आपनार "आइ श्री विसरी माताजी

धर्मना भाइ माटे बलिदान आपनार “आइ श्री विसरी माताजी” कच्छनी केशरी भुमी माटे कविने लखवुं पडे छे… पथराळ, खळकाळ, विकराळ छतांय स्नेहनी सरिता वहावती बावळ तणी शुरो महीं पण प्रेम…

भजन सम्राट पुज्य नारायण बापुनी एक रचना

भजन सम्राट पुज्य नारायण बापुनी एक रचना महामाया चरणे मनडुं छे मारुं महामाया चरणे मनडुं छे मारुं तन मन धनथी तुज पर वारुं महामाया चरणे… समरण करुं त्यां सहाय मळे…

दिल जी गाल दिल में र‌इ = आइ श्री सोनलमाताजी नी कच्छी वंदना

दिल जी गाल दिल में र‌इ = आइ श्री सोनलमाताजी नी कच्छी वंदना दिल जी गाल यार दिल में र‌इ रे रामा, दिल जी गाल यार दिल में र‌इ कोसीसों…

एक वखते मुनी नारद- पिंगळशींभाइ नी रचना (प्रभाती)

एक वखते मुनी नारद- पिंगळशींभाइ नी रचना (प्रभाती) एक वखते मुनी नारद कंस पासे आवीया लळीने ते पाय लाग्यो, विधी करीने वधाविया एक वखते मुनी नारद… नारदजी पछी कंस प्रत्ये…

लेख कागळ लख्या तात प्रहलादने काळने जीतवा कलम टांकी = कागबापु द्वारा रचित "झूलणा-छंद"

लेख कागळ लख्या तात प्रहलादने काळने जीतवा कलम टांकी = कागबापु द्वारा रचित “झूलणा-छंद” लेख कागळ लख्या तात प्रहलादने काळने जीतवा कलम टांकी वर्षनां वर्ष विचार करीने लख्युं मागवा नव…

आज एक सोहणा गीत जिसमें सुकवी ओर कुकवी कि पहचान को दरसाता यह सुकवियां को तो सोहणा लगेगा ।पर कुकवियां के शरीर में डांभ,, वेदना होगी तो देखियै सादर निजर मधुकर

आज एक सोहणा गीत जिसमें सुकवी ओर कुकवी कि पहचान को दरसाता यह सुकवियां को तो सोहणा लगेगा ।पर कुकवियां के शरीर में डांभ,, वेदना होगी तो देखियै सादर निजर…