रणजीत सिंह चारण “रणदेव” बनें मुंशी प्रेमचंद सम्मान लेने वाले भारत के सबसे युवा कलमकार
श्री विभगुंज वेलफेयर सोसायटी द्वारा मासिक पत्रिका साहित्य समीर के वार्षिकोत्सव में कुछ चयनित रचनाकारों कों उनके लेखन से मुख्यतः तीन तरह के सम्मान दिये गये। जिसमें शब्द गुंजन सम्मान, महादेव वर्मा सम्मान और मुंशी प्रेमचंद सम्मान आदि थे।
यह सम्मान 13 अप्रैल को भोपाल के आर्य समाज भवन में आयोजित हुआ जिसमें राजस्थान के राजसमंद जिले के मुण्डकोसिया गाँव के निवासी युवा कलमकार रणदेव को मुशीं प्रेमचंद सम्मान उनके लेखन से दिया गया। रणदेव की उम्र मात्र 19 वर्ष हैं और उदयपुर में बी. एससी के छात्र हैं इस उम्र में यह सम्मान प्राप्त करके अपने क्षैत्र का पूरे भारत में मान बढा़या हैं।
भारत के 7 रचनाकारों को मुंशी प्रेमचंद सम्मान से नवाजा गया जिसमें रणदेव का चयन होना उनके लेखन की प्रभावितता बताता हैं। रणदेव पीछले तीन वर्षों से रचनायें कर रहे हैं इन तीन वर्षों में उन्होंने बडे़ सम्मानों में साहित्य भुषण सम्मान, मातृत्व ममता सम्मान और अन्य कई संस्थाओं द्वारा प्रशस्ति पत्र प्राप्त किये हैं और कई राष्ट्रीय पत्रिकाओं में उनकी रचनायें प्रकाशित हो चुकी हैं। साथ ही अब तक रणदेव की रचनायें 5 से अधिक पुस्तकों का हिस्सा बन चुकी हैं।
कार्यक्रम का आगाज साहित्य समीर दस्तक पत्रिका के संपादक श्री किर्ती श्रीवास्तव और साहित्य समीर दस्तक कमिटी द्वारा वार्षिकोत्सव आयोजित किया।
कार्यक्रम में अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डाँ दिलजीत सिंह रील ने की तो मुख्य अतिथी के रूप में साहित्यकार डाँ गौरीशंकर शर्मा “गोरीश”, विशिष्ट अतिथी बाल साहित्यकार डाँ प्रीति प्रवीण खरे और सोसायटी के संस्थापक श्री समीर श्रीवास्तव आदि मंचासीन थे। कार्यक्रम का संचालन श्री अरविंद शर्मा ने किया।