श्री करणी मां री चिरजा
मंदर थारो मोटो है माई
देशांणो हर इक को दाई।।
देशांणो हर इक को दाई।।
वेल ऊंची धजा असमान फरुके
नभ मो है निरखाई
देख देख सब दुरमत भाजे
धजबन्द को नित ध्याई
मंदर थारो मोटो है माई
देशांणो हर इक को दाई,,,,,,1
नभ मो है निरखाई
देख देख सब दुरमत भाजे
धजबन्द को नित ध्याई
मंदर थारो मोटो है माई
देशांणो हर इक को दाई,,,,,,1
दुख निवारण माँ तूँ आई
देवल कोख दयाळ
जा सुवाप किनिया कुळ जनमी
मेहा घर महमाई
मंदर थारो मोटो है माई
देशांणो हर इक को दाई,,,,2
जलधि बीच ते ज्याज तिराई
शाह री की जद शाय।
कूम्प बीच अणदे नों काढयो
दम्भी रूप दिखाई
मंदर थारो मोटो है माई
देशांणो हर इक को दाई,,,,,3
जोधाणे री नींव थपाई
बीकाणो दियो बसाय
पीथळ को निज पीठ बिठाकर
सुमळी बणकर स्याई
मंदर थारो मोटो है माई
देशांणो हर इक को दाई,,,,,4
लाखन सुत को जीवत लाई
देवी यम रे द्वार
कपटी काने रो नाश कियो
नाहर रूप धराई
मंदर थारो मोटो है माई
देशांणो हर इक को दाई,,,,,5
रोग दोग सब अळगा राखे
कंचण रखजे काय
गुण थारा कवि राजन गावे
कंठ बसे करुणाई
मंदर थारो मोटो है माई
देशांणो हर इक को दाई,,,,,6
(कवि राजन झणकली)
आज नवरात्रि स्थापना के दिन मां के चरणों मे भेंट।
ता 10अक्टूबर 2018 बुधवार।।