भजन सम्राट पुज्य नारायण बापुनी एक रचना – महामाया चरणे मनडुं छे मारुं
महामाया चरणे मनडुं छे मारुं
तन मन धनथी तुज पर वारुं
महामाया चरणे…
समरण करुं त्यां सहाय मळे छे
नाम ज लेतां पाप बळे छे
दुनियादारी नुं सुख लागे छे खारुं
महामाया चरणे…
कोइ प्रकारे नथी दुख अमने
अरज एकांते करुं छुं मा तमने
अहम न आवे ध्यान रहे मां तमारुं
महामाया चरणे…
कुडी कायामां जीव करमे पुरायो
लख चोर्यासीमा फरीने हुं आव्यो
तृष्णाने टाळी कापो घोर अंधारुं
महामाया चरणे…
चार मढ माताना ने पांचमी छे डेरी
सेलण श्रीफळ थी साप उतरे छे झेरी
“नारायण” नमीने ध्यान धरे मां तमारुं
महामाया चरणे…
रचना= नारयण बापु(भजनीक नारायणनंद सरस्वति)
टाइपिंग=राम बी गढवी
नविनाळ-कच्छ
फोन=7383523606