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Month: April 2019

तनै रंग दसरथ तणा

बाप दियो वनवास, चाव लीधो सिर चाढै। धनख बाण कर धार, वाट दल़ राकस बाढै। भल लख सबरी भाव, आप चखिया फल़ ऐंठा, सारां तूं समराथ, सुण्या नह तोसूं सैंठा। पाड़ियो मुरड़ लंकाणपत, भेल़ो कुंभै…

पुलिस निरीक्षक/उप पुलिस निरीक्षकगण

चारण पुलिस अधिकारीओ सूची अपडेट कराने में मदद करे व विवरण फॉर्म भरकर submit पर क्लिक करें click here:- 01. नाम- श्री सुल्तानसिंहस S/O आईदानजी अमरावतपता- मथानिया, जिला- जोधपुरपद- से. नि. पु. नि.मोबाइल…

चारण पुलिस अधिकारीओ की सूची

>>चारण पुलिस अधिकारीओ सूची अपडेट कराने में मदद करे व विवरण फॉर्म भरकर submit पर क्लिक करें:- चारण पुलिस अधिकारीओ की सूची अधिक विवरण के लिए टेग पर क्लिक करे:-…

उप अधीक्षकगण पुलिस

चारण पुलिस अधिकारीओ सूची अपडेट कराने में मदद करे व विवरण फॉर्म भरकर submit पर क्लिक करें click here:- नाम- श्री मोहनसिंहजी रतनूपता- चौपासनी, जिला- जोधपुरपद- RETD. DY. SPमोबाइल नंबर-9460819909…

अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक

चारण पुलिस अधिकारीओ सूची अपडेट कराने में मदद करे व विवरण फॉर्म भरकर submit पर क्लिक करें click here:- 01. नाम- श्री आवड़दानजी रतनूपता- रामा, जिला- जैसलमेरपद- ADD. SPमोबाइल नंबर-  941395516902.नाम-…

चारण पुलिस आई.पी.एस. अधिकारियों की सूची

चारण पुलिस अधिकारीओ सूची अपडेट कराने में मदद करे व विवरण फॉर्म भरकर submit पर क्लिक करें click here:- 01.नाम- श्री हिगलाजदानजी बारहठ,पता- रावत का गाँव पी.एस. शिव बाड़मेरपद- DIGPवर्तमान…

चुनौतियों के चक्रव्यूह में फंसे आज के विद्यार्थी एवं अभिभावक

यह चिरंतन सत्य है कि समय निरंतर गतिमान है और समय की गति के साथ सृष्टि के प्राणियों का गहन रिश्ता रहता है। सांसारिक प्राणियों में मानव सबसे विवेकशील होने…

आद्यशक्ति इंद्र बाईसा जीवन चरित्र

आद्यशक्ति इंद्र बाईसा जीवन चरित्र     जोधपुर मण्डल के नागोर जिले के अंतर्गत खुडद नामक गाँव में वि.स. 1964 को आषाढ़ शुक्ल नवमी शुक्रवार के दिन श्री सागरदानजी रतनु की…

આઈ શ્રી જીવણી (સિંહમોય) માતાજીનો ઇતિહાસ

આઈ શ્રી જીવણી (સિંહમોય) માતાજીનો ઇતિહાસ આઈ જીવણીના પિતાનું નામ ધાનોભાઈ નૈયા, આઈનાં માનું નામ બાયાંબાઈ, આઈના માતાના પિતાનું નામ ભાયોભાઈ જામંગ, આઈના પિતાનું મૂળ વતન કચ્છ. કચ્છમાં વારંવાર દુષ્કાળ…

गोड़ावण गरिमा

🌹गोड़ावण गरिमा🌹 दुहा गोडावण गरिमा लिखूं ,दो उगती वरदाय जिण पंछी रे जीवसूं, लम्पट गया ललचाय छंद नाराच वदे महीन मृदूबाक,  काग ज्युं न कूक हे बैसाख जेठ मास बीच…