ब्रह्मलीन पुज्य नारायण बापु नी अमर रचना
मढडावाळी माता ने वंदन अमारा
नित उठी प्रभाते करू दर्शन तमारा
कठणकळी काळ मां छे आशरो तमारो,बाळक जाणी मने पार उतारो
अज्ञान रूपी दूर करोनेअंधारा…मढळा वाळी माताने वंदन अमारा
भवसागरमा हु भूलो पडो छुं,तवचरणोमा खुबरड्यो छुं
हवे आंसु लुछीने कापो कष्ट अमारा…मढडावाळी माताने वंदन अमारा
अमृतवाणीमां माए आप्युं छे अमने,तेथी प्रीय लागे सारा जगतने
वाणी प्रमाणे होय जो वर्तन तमारा….मढडावाळी माताने वंदन अमारा
चारणकुळमां जनम मळ्यो छे,देवीपुत्र नो बीरुद धर्यो छे
छतांय जीव करे करम नठारा….मढडावाळी माताने वंदन अमारा
चारणनी साक्षी मळे छे
वेदोमां,उपनीषद,रामायण भागवत श्लोको मा
चारेवर्ण मांथी जणाये छे बारा….मढडावाळी माताने वंदन अमारा
वर्णाश्रम मां जुवो चकासी,ब्राह्मण क्षत्रीय वैश्य शुद्र ने चोरासी
देवकोटी मा खुद ब्रह्मां गणनारा….मढडावाळी माताने वंदन अमारा
इशरदासजीये ज्यारे अलखने आराध्या,हरीरस-देवीयाण ग्रंथो बनाव्या
अमर नाम करी चारणकुळ तारनारा….मढडावाळी माताने वंदन अमारा
नारायण निवाज्या ज्यारे सांयाझुलापर,सांढणीभरी एने आपी सोनामहोर
थाळ बनावी प्रभु चरणे धरनारा….मढडावाळी माताने वंदन अमारा
आवा पुरुषो थया चारणज्ञातीमा,वेरागी वचनो जेना लागे छातीमां
नित “नारायण” देजो दर्शन तमारा….मढडावाळी माताने वंदन अमारा
रचना – परम पुज्य ब्रह्मलीन नारायण स्वामी
टाइपिंग – राम बी. गढवी
नविनाळ – कच्छ
फोन नं. 7383523606