Mon. Jul 28th, 2025

कच्छ ना कवी दुलेराय काराणी नी जननी ना हाथ ना बनावेल रोटला नुं वर्णन…
मणीयां मुके मठी लगेती, माडी ! तोजी मानी…
माडी ! तोजी मानी जे में, जोबन जोर जुवानी…
मणीया मुके मठी लगेती….
धींगीं हन कच्छडे जी धरती, धींगी तोजी मानी…
धींगा तोजा हथडा माडी, धींगो कच्छी पाणी…
मणीया मुके मठी लगेती….
मेमाणें के मेमाणी में, मानप डींधल मानी…
देवें के पण दुर्लभ एडो, दानप तोजो दानी…
मणीयां मुके मठी लगेती….
गढपण उडो अचे न अनके, नंढपण नत डीयांडी…
वडपण में पण तोजी मानी, मानी में ज जुवानी…
मणीया मुके मठी लगेती….
माडी ! तोजे हथ जी मानी, मुजी अेज कमाणी…
“काराणी” चें अमृत जेडी, मठडी तोजी मानी…
मणीया मुंके मठी लगेती….
रचना — दुलेराय काराणी
टाइपिंग — राम बी गढवी
नवीनाळ -कच्छ
फोन नं. — 7383523606

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *