“गरासदार” शब्द का मतलब
> ‘गरास’ या ‘ग्रास’ का संस्कृत में अर्थ है निवाला (खाने का निवाला)।
किसी राज्य में शूरविर और विध्वान प्रतिष्ठीत व्यकित जो उस राज्य के दरबारी होते थे,उनको उनकी शूरविरता व विध्वानता की एवज मे गांव या जमीन-जागीर दी जाती थी।
जागीरदार व तालुकदार ये दो शब्द गरासदार शब्द के ही पर्याय है।
>गरासदार का सिधा मतलब है की हम उस राज्य का कुछ हिस्सा मतलब पूरा नहीं ऐसा एक निवाला (ग्रास)खा रहे है (पूरी रोटी का एक निवाला)।
>ये गरासदार शब्द सिर्फ गुजरात के काठीयावाड(सौराष्ट्र) मे ही प्रचलीत है।
>आगे जाकर ग्रास शब्द जमीन-जागीर के लिए इस्तमाल होने लगा और जो ग्रास (जमीन) वाले होते हैं उन्हें गरासदार कहा गया।
> गरासदार उन्हींको कहा जाता है जो किसी रजवाड़े से जमीन-जागीर लेकर उतरे हो,और वह सिर्फ राजपूत,चारण व काठी दरबार ही होते थे।
> गरासदार उन्हींको कहा जाता है जो किसी रजवाड़े से जमीन-जागीर लेकर उतरे हो,और वह सिर्फ राजपूत,चारण व काठी दरबार ही होते थे।
जयपालसिंह(जीगर बऩ्ना) चारण ठि.थेरासणा