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Month: December 2018

सवैया, माधोरामजी कायस्थ- राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

!! सवैया !! !! माधोरामजी कायस्थ !! बालपनै प्रतिपाल करी हम, जानि सही तूँ गरीबनवाज है ! योवन में तन ताप हरी तुम, मेल दिये सब ही सुख साज है…

नागदमण- राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

!! नागदमण !! नागराज रो दमण श्रीकिशन जी करियो ने उणरी कवितावां लेख अनैक कविगण व लेखक करियो, उणीज उपर फिल्मां बणी ने नाटक रचिजिया, चावा ठावा चारण भक्त भी…

प्रातः निवेदन- राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

प्रातः निवेदन अंम्बा ओयणरीह, छाया रख छत्रैस्वरी ! दिल मझ दोयणरीह, व्यापै ताप न बीसहथ ! !! छप्पय !! रिच्छाकर राखिया, ज्वाऴ बाऴा मंजारी ! रिच्छाकर राखिया, नाथ गौरख नरनारी…

छप्पय – चूंडा दधवाङिया कृत (राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर)

!!छप्पय !! चूंडा दधवाङिया कृत !! आप हूंत आकास, पवन आकास प्रसन्नौ ! पवंण हूंत तत तेज, तेज पांणी ऊपन्नौ ! पांणी हूंता प्रिथी, प्रिथी गुण पंच प्रगट्टा ! पंच…

केशरीसिह बारहठ जयंती सुजस – भवरदान माड़वा मधुकर

अमर शहिद केशरीसिह बारहठ जयंती सुजस कवि भवरदान माड़वा मधुकर निजर। अमर शहिद वंदन अती, केशर जती कहाय। सत पैंतालिस सुकृती, जयन्ती जचवाय ।(1) ।।छंद गिया मालती ।।  देवपुर जागिरदारा,…

श्री वीरों माँ री चिरजा – राजेन्द्रदान बीठू (कवि राजन)झणकली

श्री वीरों माँ री चिरजा भलो घणो है नगर भीमाणो सती   बिराजे वीरों सगत। सदा पुकार सुणे माँ सगती भजतो आवे बेल भगत। भलो घणो है नगर भीमाणो,,,,,,1 जनमी विठू…

चार नीति गत सोरठा – आशूदान मेहड़ू जयपुर

आज के इस विज्ञानिक प्रतिस्पर्धा के युग (कल युग) मे भले ही कोई माने या ना माने लेकिन गढवी चारण का इतिहास कुच्छ और ही है. यह चारण (उचारणा देव…

वही तो मैं चारण हूं – आशूदान मेहड़ू जयपुर

वही तो मैं चारण हूं मैं चारण हूं…साधारण हूं, मैं झूठ का मूल निवारण हूं । मैं इतिहास का एक विस्तारण हूं, मैं देश गर्व, गीत पर्व, हेतवृद्धक हुलारण हूं…