ठा. केसरीसिंह बारहठ
|
|||||||||||||||
ठा. केसरीसिंह बारहठ – व्याक्ति परिचै : –
(जीवन यात्रा) जलम : २१ नवम्बर १८७२ गाँव देवखेड़ा शाहपुरा राज्य में पिता : ठा. कृष्णसिंह बारहठ माता : बख्तावर कंवर :- माताजी वामरे जलम रे एक महीना पछी देवलोक होय गिया हा जिण सुं वारं दादीसा शृंगार कंवरजी, जको कवि राजा श्यामलदासजी रा बड़ी बैन हा, केसरी सिंह जी रो पालन – पोषण करयो हो । :- सन १८९१ ई में उदपुर राज्य री सेवा में लागा । :- केसरी सिंह जी रौ ब्याव कोटा कविराज देवी दान जी री बैन माणिक कंवर सुं सन १८९० में होयो । :- दो पुत्र होया :- दो पुत्रियों ही :- दो छोटा भाई हा ठा. केसरीसिंह बारहठ
व्यक्तित्व अर कृतित्व राजस्थान रा केसरी ठा. केसरी सिंह बारहठ आपरे नाम रे ताई साम्प्रत केसरी इज हा । इन नाव रो मह्ताऊ वरणाव इन भांत है ।
केहर (सिंह) री कुल – कान, भिड्नो, सो किम भुल्वे ।
नाम धरम पहचान कोइक जाने कालिया ।। आप राज पूताना री देसी रियासता में सुतंतरता री जोत जगावन आला एडा लूंठा क्रन्तिकारी हा, जका पराधीन मायड भौम री आजादी रे जिग में आप खुद अर आपने सगे पिरवार रो से कुछ होम दीनो ।
भाई ठा. जोरावर सिंह बारहठ २३ दिसम्बर १९१२ ई. में दिल्ली रे चाँदनी चौक में वाईसरौय लार्ड हार्डिंग माथे बम फैंकियो हो, जिनरी गूंज सू इंग्लैंड रो राज सिहासन ई हिंडोले चढग्यो हो, अमर शहीद कु. प्रताप सिंह बारहठ २४ मई १९१८ में बरेली (उ.प्र.) री जैळ में अंगरेजा रो जुलम बरदास्त करतौ थकों आपरो जीवण निसार दियो। वां खुद आपरे बेटे प्रताप सिंह रे साथै छोटे भाई जोरावर सिंह अर खुद रे जँवाई ईश्वरदान आशिया नै ई क्रान्तिकारी आंदोलन में कूदण सारू अर्जुन लाल सेठी अर रास बिहारी बोस कनै भेज दिया। चारण समाज में शिक्षा री जको अखूट जोत आपां रे अंतस में व्यापयोडी दीसे है, वा ठा. केसरी सिंह बारहठ रे इज जगयोडी है । ठावा- ठावा सैहरों-कस्बों में छात्रावासों री थरापना, ठकराई री ठौड पढाई रो पख ज़ेलनो, पडदा’र त्याग जैडे कलंक सूं निकलंक वांरे पण इज होय सक्या हाँ । ।।श्री हिंगलाज नमः।।
सिरे क्रांतिवीर ठाकुर केसरी सिंह बारहठ जयंती उच्छब
जोधपुर(राज.)
दिनांक :२१.११.०९, शनिवार स्थान :जय नारायण व्यास स्मृति भवन (टाउन हॉल) जोधपुर श्रद्धान्जलि :सिंज्यारा २ बाजियां श्री करणी छात्रावास, जोधपुर नाटक बलिदान :सिंज्यारा ३ बजियां (टाउन हॉल) आतिशबाजी :रात रा ९ बजियाँ जन्म : २१ नवम्बर, १८७२ महाप्रयाण: १४ अगस्त १९४१ गाँव्- देवपुरा (शाहपुरा मे) ठा. केसरीसिंह बारहठ
हेमकडी तज हथकड़ी, पहरी बेडी पाय।
जनमभोम हित झूजियो, जेलों केहर जाय।। सुहड भ्रात जमात सूत, समिधा हुआ सुचंग। जग्य हुतासण जोंकिया, रंग केहर घणरंग।। आदर जोग………………………………………………………………………………… इण मौके आपने घनेमान सूं सिगरी पधारण रो नूंतो है ।
राज रे पधारिया उच्छब री शोभा सवाई बढसी । नूतणहार
श्री चारण विकास परिषद राजस्थान शाखा – जोधपुर संपर्क सूत्र
केसरी रो काव्य कुसुम
पग-पग भम्या पहाड़, धरा छांड राख्यो धरम। साम्राज्य-शक्ति शत्रु व्ही, सर्वस्व ठ सो कढ गया, यश प्रशस्ति
ठा. केसरीसिंहजी बारहठ ने श्रद्धान्जलि
चारण छत्रयां रो चतुर, उपदेसक अणमोल ।
बारठ केसरी बिछडयौ, तिण दुःख रो नंह तोल ।। -ठा.रामसिंह राठौड (कैलवा-मेवाड़) हाडौती के हदय धन, चारण कुल के चंद । वीर भुमि बन केसरी, जय जय जय स्वच्छन्द ।। -लक्ष्मण स्वरूप त्रिपाठी (अलवर) वीर घरा बंगाल, क्रांति पथ धारण कीयौ । जगी सुतंतर झाळ, कुद’र पडीयो केहरी ।। डे बैठो बलिदान, प्रिय पुत्र परताप सें ।। मरनौ धरम समान, करगौ त्यागी केहरी ।। -उदयराज उज्जवल (केहर पच्चीसी) |