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दोहा !!
इऴा न देणी आपणी, हालरिये हुलराय !
पूत सिखावै पालणै, मरण बङाई माय !!
सज मुखमलरी सेज, नरसोवै हुयहुय निसंक !
बै कांटा रा बेज, रती न जाणै रामजी !!
धिन झूंपङियांरा धणी, भुजथां भारत भार !
होथैईज इण मुलकरा, सांचकला सिणगार !!
फिरंगातणी फजीत, करवाने कसकस कमर !
जणजण बण जंगजीत, लङ्या अवधरा लाडला !!
हुयौ जाण बेहाल,भाल हिन्द री भौम रौ !
झगङो निजभुज झाल, लिछमी झांसीरी लङी !!
जठैगयो जंगजीतियो, खटकैबिन रण खेत !
तकङौ लङियो तांतियौ, हिन्दथानरे हेत !!

!! प्राचीन इतिहासू दोहा संकलन !!
~राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

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