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केशरीसिंह बारहठ,
अमर शहिद केशरीसिह बारहठ जयंती सुजस कवि भवरदान माड़वा मधुकर निजर
केशरीसिंह बारहठ,
अमर शहिद वंदन अती, केशर जती कहाय।
सत पैंतालिस सुकृती, जयन्ती जचवाय ।(1)
।।छंद गिया मालती ।। 
देवपुर जागिरदारा, शाहपुर धर सेवियै। 
वेवियै कृष्णासिंह वारा, केशरी सुत केवियै।
ऐवियै ओ उजवाल अवनी, दुनी भारत देसरी।
आजाद हिन्द पर, नाम इल नर, 
कर अमर धर केशरी। जियै,, कह भमर धन केशरी ।(2)
करणी तणो वो पूत केहर, धीर धारण हो धणी।
धरणी मेवाड़ी जन्म धारण, वीर चारण जो वणी।
जरणी भलां हुलराय जांमण, कांमण धन किसनेसरी।
आजाद हिन्द पर, नाम इल नर,
कर अमर धर केशरी।(3)
अंगरेज जोरा मुलक ऊपर, गोरा शासन गाजणा।
अकाजणा उण किया ओरा, दुठ दोरा दाजणा।
वाजणा विधर्म अवल वोरा, लोरा वो लफड़ैसरी।
आजाद हिन्द अर, नाम इल नर,
कर अमर धन केशरी। जियै,, कह भमर धन(4)
भीन्नता भेद भाव भारी, देख मानव दीनता।
पराधीनता हा जान पूरी, खाय जन मन खीनता।
हीनता काढण आय हिन्द री, धाय केशर धेसरी। आजाद ……(5)
सहादत कर रैत सारू,  हेत कर घर होमियो।
भोमियो भारत देस भलपण, कैहरी घण कोपियो।
ओपियो ध्रू ज्यू अटल अम्बर, तारो वा तपेसरी।
आजाद हिन्द पर, नाम इल नर …(6)
जोरावर जिण भ्रात जबरल, लात खबरल लाट री।
परताप सुत पर ख्यात परबल, बात चल बम्बाट री। 
दहलात दिल्ली जाय दिस दल, लार्ड संक नह लेसरी।
आजाद हिन्द पर, नाम इल..(7)
मिला दारूण दुष्ट दुरजण, वा भगावन हो वला।
सेनानी बण हिन्द सरजन, उतारन फरजन इला।
हला महागण वंश केहर, भमर रंग भारतेसरी।
आजाद हिन्द पर, नाम इल नर, 
कर अमर धर केशरी। जियै,, कह भमर धन केशरी।(8)
।।कलस ।। 
भमर केशर सुत भ्रात, अमर हुवा इल ऊपरां।
जबर अशियो जमात, समर चारां सवधिनता।(9)

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