श्री वीरों माँ री चिरजा
भलो घणो है नगर भीमाणो सती बिराजे वीरों सगत।
सदा पुकार सुणे माँ सगती भजतो आवे बेल भगत।
भलो घणो है नगर भीमाणो,,,,,,1
जनमी विठू गाम झणकली मात वधारण मांन मही।
कुळ उजाळण आई करणी रतनू वंश वरदाय रही।
भलो घणो है नगर भीमाणो,,,,,2
पति हरपाळ पायो परमेशर सिरुवो रतनू गाम सुथान
समरथ दान रो सुत सरवेशर पाळी रजवट रीत पुराण
भलो घणो है नगर भीमाणो,,,,3
धेन बचावण मात धरा पर खट भेज्यो जद आप खंगार।
सुत कटार सुणयो मा सगती आयो नैणो मात अंगार।
भलो घणो है नगर भीमाणो,,,,4
भई विकराळ तूँ मात भवानी आय पूगी गुड़े रांण अठे
अगन तन अजुवालयो आई जाय दळयो दुशमण जठे।
भलो घणो है नगर भीमाणो,,,,5
अगर चनण रो धूम्प् आपरे जळ हळ जोत अखंड जगे
घिरत मिठाई चाड़ो चूरमा भव जग रा दुख दूर भगे।
भलो घणो है नगर भीमाणो,,,6
विठू गाम झणकली वासी कवि राजन गुण गाय कहे
भीमाणे आळी मात भवानी रतनू राणी शाय रहे।
भलो घणो है नगर भीमाणो सती विराजे वीरों सगत।
सदा पुकार सुणे मां सगती भजतो आवे बेल भगत।
–राजेन्द्रदान बीठू (कवि राजन) झणकली