साभार- करणी माता के 21 दोहे
1. करणी थारै देश में, आज गजब रा रंग।
रास रचावै जोगण्यां, बाजत नौबत चंग ।
रास रचावै जोगण्यां, बाजत नौबत चंग ।
2. करणी थारै देश में, आई सातों भाण।
घूघरिया घमकावतो, भैरूं है अगवाण।
घूघरिया घमकावतो, भैरूं है अगवाण।
3. करणी थारै देश में, सूणी अनोखी बात।
संवली हो सगती करै, किरपा री बरसात।
संवली हो सगती करै, किरपा री बरसात।
4. करणी थारै देश में, काशी काबा एक।
हिन्दू मोमिन साथ में,शीश झुकावै नेक ।
हिन्दू मोमिन साथ में,शीश झुकावै नेक ।
5. करणी थारै देश में, डारयो दास पड़ाव।
मनडै में है मावडी , तव दर्शन रो चाव ।
मनडै में है मावडी , तव दर्शन रो चाव ।
6. करणी थारै देश में, बसै समूचा धाम ।
जो मां नैं मन सैं भजै , बणज्या उण रा काम ।
जो मां नैं मन सैं भजै , बणज्या उण रा काम ।
7.करणी थारै देश में, आज हर्ष उल्लास ।
चवदस वाली रात की , चमक चांदनी खास।
चवदस वाली रात की , चमक चांदनी खास।
8.करणी थारै देश में, इमरत जैडा बोर।
ठंडो चालै बायरो , मीठा बोले मोर ।
ठंडो चालै बायरो , मीठा बोले मोर ।
9.करणी थारै देश में, जो आवै इक बार।
जावै भरकर झोलियां, पावै सुख संसार।
जावै भरकर झोलियां, पावै सुख संसार।
10 करणी थारै देश में, दिवस बणीजै रैण।
बांझड पावै डीकरा, आंधा पावै नैण।
बांझड पावै डीकरा, आंधा पावै नैण।
11. करणी थारै देश में, धजा उडै असमान ।
इण ऊंचै दरबार में, राजा रंक समान ।
इण ऊंचै दरबार में, राजा रंक समान ।
12. करणी थारै देश में, आया नर और नार ।
दसों दिशावां हो रही , मां री जय जय कार।
दसों दिशावां हो रही , मां री जय जय कार।
13.करणी थारै देश में, हुवै गजब की न्याय ।
जिसकी जैसी भावना,वैसो फल मिल ज्याय।
जिसकी जैसी भावना,वैसो फल मिल ज्याय।
14. करणी थारै देश में, चंदन जैडी धूल।
छूतां ही मन मावडी , हो ज्या बिल्कुल कूल।
छूतां ही मन मावडी , हो ज्या बिल्कुल कूल।
15. करणी थारै देश में, आवण रो इक बार।
दीजै मोको मावडी, विनती बारम्बार।
दीजै मोको मावडी, विनती बारम्बार।
16. करणी थारै देश में, बुला.. मान लै बात।
फेरी देस्यूं डोकरी, चवदस वाली रात ।
फेरी देस्यूं डोकरी, चवदस वाली रात ।
17. करणी थारै देश में, पूगूं बिना विलम्ब।
जीवन पथ पर एक ही , मात आप अवलम्ब।
जीवन पथ पर एक ही , मात आप अवलम्ब।
18. करणी थारै देश में, करूं आय आभार।
भाव सजाकर चाढस्यूं, चरणां चिरजा च्यार।
भाव सजाकर चाढस्यूं, चरणां चिरजा च्यार।
19. करणी थारै देश में, वाणी पाय दुलार ।
कोकिल कंठा डीकरा, गावै राग मल्हार।
कोकिल कंठा डीकरा, गावै राग मल्हार।
20. करणी थारै देश में, ठंडी चालै वात।
शरणै राखी शंकरी, सुण मनडै री बात।
शरणै राखी शंकरी, सुण मनडै री बात।
21. करणी थारै देश में, ले प्रांजल मन भाव ।
मढ में आयो मावडी, दीज्यो मां दरसाव।
मढ में आयो मावडी, दीज्यो मां दरसाव।
प्रह्लादसिंह कविया प्रांजल भवानीपुरा