माँ घन्टीयाली (आवड) के चमत्कार
1.- पहला चमत्कार- 1965 की लड़ाई के दोरान पाकिस्तानी सेना आमने सामने से आने लगी तो माता ने अपना परिचय देते हुए – पाकिस्तानी सैनिक अपना दुश्मन समज कर आपस में फायर करने लगे जिससे पाकिस्तानी सेना आपस में लड़कर ख़त्म हो गई !
2.- दूसरा चमत्कार- पाकिस्तानी सेना घन्टीयाली माँ के मंदिर तक पहुँच गई थी उसके बाद मंदिर परिसर में जाकर मूर्तियों को तोड़ने लगे तो कुछ सैनिक कहने लगे की ऐसा मत करो भगवन सबके लिए बराबर हे तो कुछ सैनिको ने कहा यह हिंदुस्तान का हे इसे बर्बाद करो ! इस बात को लेकर आपस में झगड़ा हो गया और आपस में लड़कर मारे गए !
3.- तीसरा चमत्कार- तीसरी बार पाकिस्तानी सैनिक आकर माँ का श्रंगार खोलने लगे तो वे सारे अंधे हो गए !
4.- चौथा चमत्कार- बहुत समय पहले मुस्लिम लोगो ने बार्डर के पास वाले गाव पर काफी अत्याचार करके पुरे गाव के लोगो को ख़त्म कर दिया उस गाव में केवल एक गर्भवती महिला बची थी , जो की अपने गाँव को छोड़कर अपने मायके चली गई ! कुछ समय पश्चात एक लड़के को जन्म दिया ! लड़के के बड़े होने पर उसके साथियों ने उसके पिता के नाम के बारे में पूछा जो उसे पता नहीं था ! घर आकर उसने अपनी माँ से उसके पिता का नाम पूछा और बोला की इस समय कहाँ हे ? यह बात सुनकर उसकी मां रोने लगी ! उसने बताया की तुम्हारे पिता और सभी गाँव वालो को कुछ मुस्लिम लोगों ने तब ख़त्म कर दिया जब तुम गर्भ में थे ! इस बात से दुखी होकर उस लड़के के मन में अपने परिवार पर हुए अत्याचार के प्रती बदला लेने की भावना जागी ! उसने बड़ा होने के बाद उसके माताजी को बताये बगेर एक तलवार लेकर चल पड़ा ! उस समय वह घन्टीयाली तक आया , उस समय घन्टीयाली में एक छोटा सा मंदिर था ! उसको देखकर माँ एक बच्ची का रूप लेकर उस बच्चे के पास एक लोठा जल लेकर गई ! बच्ची को देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ तथा लड़के ने बच्ची से पूछा यंहा चिड़िया भी नजर नहीं आती हे तुम यंहा कहाँ से आई हो ? तब बच्ची बोली पहले आप पानी पियो ! तब में बाद में बताउंगी ! लड़के को पानी पीने के बाद काफी शक्ति मिली क्यों की वह काफी प्यासा था ! तब बाद में बच्ची ने कहा की आज तुम जिस कार्य के लिए आये हो वह पूर्ण होगा ! इस बात को सुनकर लड़के ने कहा की तुम को क्या पता किस कार्य के लिए हम जा रहे हे ? तब बच्ची ने कहा मुझे तो पुरे जगत के बारे में पता हे ! इस बात को सुनकर लड़का बच्ची के चरणों में लेट गया ! फिर माँ ने कहा जाओ, तुम्हारा कार्य पूर्ण होगा ! इसके बाद लड़के ने माँ से कहा की , माँ मुझे इसका उपाय बताओ , किस जगह जाकर किस तरह बदला लूँगा ! माँ ने कहा मेरी कृपा से तुम्हे ऐसा मोका मिलेगा , लेकिन तुम सिर्फ एक आदमी को मार देना इसके बाद बाकी लोग आपस में लड़कर खत्म हो जायेंगे ! लड़के ने कहा की माँ अगर ऐसा हुआ तो में यहाँ दुबारा आकर अपना शीश बलिदान करूँगा ! माँ ने कहा में माँ होकर संतान ( बेटे ) की बलि केसे ले सकती हूँ ! पहले तुम अपना कार्य पूरा करो , उसके बाद वह लड़का पर्शन्न होकर कार्य पूरा करने के लिए चल पड़ा ! लड़का एक गाँव में पंहुचा जहाँ मुस्लिमो की बारात आ रही थी लड़के ने आकर पिछले वाले बाराती को मारकर वंहा से भाग लिया ! तब बारातियों ने सोचा की गाँव वालो ने ही बाराती को मार दिया तब गाँव वालो में आपस में झगडा हो गया और आपस में लड़कर सभी मर गए !
तब इस द्र्श्य को देखकर उस लड़के का मन काफी प्रशन्न हुआ की माँ ने जो बोला वो सत्य हुआ ! तब वह दुबारा घन्टीयाली माँ के मंदिर में आया तो माँ वहाँ बच्ची के रूप में नहीं थी तो वह लड़का यह देखकर काफी निराश हुआ और माँ माँ चिल्लाने लगा ! मेने अपना शीश देने का वचन दिया था तथा इसके पश्चात् शीश काटने के लिए तलवार उठाई तो मंदिर के पीछे से आवाज आई की एसा कार्य मत करो ! फिर उसने चारो तरफ देखा की आवाज कहाँ से आई तो उसे कुछ दिखाई नहीं दिया ! तो फिर वह शीश काटने लगा तो फिर वही आवाज आई तब वह तीसरी बार फिर काटने लगा तो माँ ने आकर उसका हाथ पकड़ लिया ! और बोली की तुम ख़त्म हो जाओगे तो मुझे कोन पूजेगा ? तुम प्रचार करो में यंही पर हु !
~गणपतसिंह मुण्डकोशिया