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योगी देवनाथजी महात्मा का परिचय

सरवर, तरवर, संतजन चौथो बरसे मेह।
परमार्थ रे कारणे, चारों धारी देह।।

अपनी विशिष्ट लौकिक संस्कृति के लिए धाट व पारकर की धरा प्रख्यात है। इसे अनेक सतियों, संतों और काव्यसृजकों की जन्मभूमि अथवा कर्मभूमि होने का गौरव प्राप्त है ओर संतों, साधुओं और तपस्वियों से सदैव भारत भूमि धनाढ्य रही है। सनातन धर्म का संदेश जन जन तक पहूँँचाकर धर्म की ध्वजा को अनवरत लहराये रखने में इनका महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। ऐसे ही एक योगी महात्मा की जन्मभूमि होने का गौरव बाङमेर जिले के बींजासर ग्राम को प्राप्त है। 26 जनवरी सन् 1977 को स्व.प्रभूदानजी देवल और तारांदेवी के घर आँगन में बालक देवीदान का जन्म हुआ।
 
किशोर वय में ही इस बालक में आध्यात्मिकता के बीज प्रस्फूटित होने लगे। गुरू अमरनाथजी से दिक्षा लेकर इस राह पर चल पङे।

आज आपको योगी देवनाथ महात्मा के नाम से जाने जाते है, कच्छ क्षेत्र में यह नाम किसी औपचारिक परिचय का मोहताज नहीं है, आप कच्छ क्षेत्र के भचाऊ ताल्लुका अंतर्गत भरूडीया गाँव में स्थित एकलधाम के मंहतश्री है।
 
भारतीय संस्कृति के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए आप प्रयत्नशील है। हिंदूत्व से जुङे समारोहों में आपकी उपस्थिति अपने प्रभाव क्षेत्र में सुनिश्चित रहती है। गौरक्षा से जुङे विषयों पर आप गंभीरता पूर्वक सकारात्मक सहयोग कर रहे है।
 
आपका मानना है कि राजसत्ता को धर्मसत्ता के अधीन रहना चाहिए, तभी  राजनीति से भ्रष्टाचार को समूल नष्ट किया जा सकता है। इसलिए आप स्वच्छ और आदर्श राजनीतिक व्यवस्था की स्थापना के लिए राजनीति में सक्रिय रहने से परहेज नहीं करते।

इस क्षेत्र में आपने कई उपलब्धियाँ अर्जित की है वर्तमान में आप भारतीय जनता पार्टी संत समाज कच्छ के अध्यक्ष है। हिंदू यूवा वाहिनी गुजरात के प्रदेश प्रभारी है।

पूर्विका परिचय बापू का

 जन्मदेवीदान
माता पिता का नाम  पिता स्व. प्रभूदानजी देवल
 जन्म स्थानबिंजासर बाड़मेर, राजस्थान
जन्म दिनांक
26 जनवरी सन् 1977
शिक्षा
10th
वर्तमान पता
योगी देवनाथजी, आपके गुरु श्री- अमरनाथजी एकलधाम भरुड़िया, तहसील-भचाऊ, जिला- कच्छ भुज गुजरात 

यहा थोड़ा विस्तार से बापू का पेढ़ीनामा रखने का प्रयास किया है⤵​​
श्रवणदानजी

1.बेड़ोजी,2. देवायतजी, 3. मांणकजी, 4.गोपजी
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1.बेड़ोजी

1.अजोजी

1.नरसिंहदानजी

1.जोगोजी

1.पाताजी

1.जेताजी

1.मालोजी, 2.श्यामलदान, 3.रोहड़जी
 4.माडनजी, 5.सुखोंजी
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1.मालोजी

1.मेहकोजी, 2.महोजी, 3.हरीजी,
4.तोगोजी, 5.सुजानोजी*
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मेहकोजी

1.धर्मदान

1.मुलोजी, 2.उदोजी, 3.भारमलजी
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1.मूलोजी

1.सालूजी, 2.नेतोजी
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1.सालूजी

1.सवाईदानजी, 2.हेमदानजी
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1.सवाईदानजी

1.अमरोजी

1.लक्ष्मणदानजी, 2.किशनदानजी
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1.लक्ष्मणदानजी

1.दामोजी, 2.आसोजी, 3.मेहरोजी
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1.दामोजी​

1.सोनदानजी, 2.कुशलदानजी,
3.सुखदानजी
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*1.सोनदानजी​

1.भारथदानजी, 2.पुरखदानजी,
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1.भारथदानजी​

1.प्रभुदानजी (देवनाथ बापू), 2.सादुलदानजी,
3.गुणेशदानजी
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1.प्रभुदानजी​

1.खीरदानजी, 2.भगवानदानजी, 
3.देवीदानजी (देवनाथ बापू), 4.मोहनदानजी

By admin

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