गीत सौदा बारहठां री वीरता रो !!
!! गीत !!
पालम झङ पोऴ चत्र गढ ऊपर,
जमणो लङ मांडू जोधार !
पीऴे खाऴ अचऴ भङ पङियो,
बेणो गढ मांडऴ उण बार !! 1!!
जेसव केसव बिंहूं जूटिया,
हऴदी घाटी हूआ हला !
महाराणां कारज गज मुङतां,
भाई बीहूं भीङ्या भला !! 2 !!
राणा सचऴ कुंभगढ राजङ,*
माथे बीर बांधियो मोङ !
बिखमी बार सार झङ बढियो,
अणी मोहर जूटे रण ओङ !! 3 !!
रजवट भ्रकुट ऊजऴा रूकां,
बढ बारठ रूकां बिरदेत !
हणमत पोऴ हिलोऴ हैजमा,
अमर नाम कीधो अकङेत !! 4 !!
उदियापुर सोदे अजरायल,
पांडीसां तोले नरपाऴ !
धणियां काज शाह दऴ धुबता,
रचियो हरि देवऴ रणताऴ !! 5 !!
तीन बार ल्हसकर तुरकांसूँ ,
त्रिजङा हूंत रमे रणताऴ !
आखा पीऴा करे ऊजऴा,
सोदा रहिया वंश शंघाऴ !! 6 !!
प्राचीन काऴ सूं अबार काऴ, राणा हम्मीर अर बारहठ बारू, महाराणा फतेहसिंहजी व केसरी सिंहजी बारहठ ( महान क्रान्तिकारी) व केसरी सिंहजी बारहठ सौन्याणा तकात बीचरी सगऴी पीढीयां आपोआप सनातनी संस्कारांरो निभाव नैठाव ने ठीमरपणै सूं कीधो व तख्त रा ताज री लाज बचावण में आपरा प्राणां री परवाह नको कीधी चारणां आपरो फरज निभायो तो राणा भी बिंयारो ओपतो आदर सदैव ही कीधो जकी इतियास रा आखरां बात जीवत हुयगी !!
~राजेंद्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर !!