!! गीत !!
जीवराजसिंह चौहान राखी रो !!
कुशऴजी रतनूं चौपासणी रो कह्यौ !!
ठिकाणा राखी महाराजा मानसिंह जी जोधपुर रो ननिहाल हो अर मामोसा श्यामसिंह जी राखी हा वांरा सपुत्र जीवराजसिंह जी घणा वीरवर व जोरावर जोधा हा अर उण जमानै में वीरत अर कीरत जौमर्दी तलवारां रा पाणी पाण परखीजी जावती जिण रो जीवराज जी मानसिंह जी रे पक्ष में केई बार परिचय करवायो, जिणनै कुशऴ जी रतनूं आपरी प्रज्ञा मेधा पाण उजऴै आखरां सूं अमर अजर कर दिया ! औजभरिया आखरां व च्यारां कङियां अनुप्रास देखण व जोवण जोग!
!! गीत !!
जोयां जोङरा भूपतिस को न दीठौ जिहांन जेठी,
चाऴ धेठी जंगां फतै खाटणो अचूक !
जाङा तोङ फील रिमां डांखियां सादूऴ ज्यूंही,
राङा जीत ठहै आभ उणांखियां रूक !!1!!
सांमरौ विभाङै सत्रां रावतां घङूसां सझै,
चाङै रत्रां चंडका अखत्रां खऴां चूर !
जांणै मंत्रां तंत्रां आद ससत्रां छतीसां जोध,
पछाङै बरूथां पत्रां कऴां बरा पूर !!2!!
गांजणौ अगंजां भङां अन्नङां नमावै गाढा,
डोहै घङां हैमजां भांजणौ गजां डांण !
ऊफणै जोसेल पणौ जुधां सामाज रौ ओपै,
आज रौ रोसेल सत्रां कोपै चाहु आंण !!3!!
सीह भत्ती खाग झाटां दोयणां मनावै संका,
साजै दीह वाजै डंका जैत रा समाज !
बेढीमणों प्रथी सीस अग्राजै थाहरां बंकी,
राव राजां तणौ छौगौ जीव राज !!4!!
महाराजा मान महिपत ने जीवण रे छैहलै बरसां विरक्ति भाव रो संचार हुयगौ हो अर बिण में श्यामसिंहजी मामोसा, कवि बांकजी आशिया, महाराजकुमार, गुरूजी व गुरूजी रा पुत्र लाडुनाथजी महाराणी सा आदि अनेकांनेक प्रभृत्रि अर प्रिय मिनखां रे वियोग ने महाराजा देख नीं सकिया हा, ऐहङा सापुरसां रा सार्थक व पुरूषार्थी पुरूष जिवराजसिंहजी नामी नर होवणों रजवट री कुऴवट ने कायम राखणो अर कुशऴजी रतनूं रौ चारणधर्म निभावणों अंजस व गीरबेजोग बात है !!
~राजेंन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर !!