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” चिरज “
 
माँ क्रूपा करो मेहाई मायड, देशाणे काबा वारी .
हैं काबावाली डोकरी,, आवड करनल अवतारी |
क्रूपा करो माँ……… टेर
 
हैं देशनोक करणी किनियाणी, आफत आय उबारों ,
चारण कुल वंशी अवतारी,, दाता झंझट टारों।
बारम्बार विनती करूँ दाता, शरणा सदा म्हनें राखों।
माँ क्रुपों करों………. 1

मारी कुटिया पधारो माता,थैं करदो लीला न्यारी,,
माँ मेहर करो देशाणे वाली,,जगदंबा ज्योता धारी।।
मापें किरपा करोंजी मैयां, धिन-धिन धिनियाणी राज।
माँ क्रूपा कारों माँ……….. 2
 
आवड भक्ति करता माता, थाकी लीला अपरम्पारी,
लाखण जन्म दोबारा पायो,, जीवन किरपा उबारी,,
धर्मराज सु तीन वचन लिन्हा, मेहाई जी महाराज।
माँ क्रुपों करो………… 3

चारण कुल बढायो माता, किरपा थारी मेहाई महाराज,,
जय जय हो थारि माता,  सकल करबा वाली काज ,
मेहाई म्हारी अर्ज सुणों जी, किरपा करोला आज।
माँ क्रूपा करो माँ………… 4
 
तेरी लीला जग जाने माता, मैं भी राखूँ आशा थारी,
हो मैया थारो ही उपकार हैं, तूँ ही सगला राखण वारी,,
मिले कौनी निराशा थारे द्वारे, धिन-धिन करनल काज।
माँ क्रुपों करो माँ………….. 5
 
काबावाली डोकरी कर्नल, आप थलवट देशाणेरायी,
आप ऊँचा ऊँचा गढ विराजों, सदा करजो मैया सहायी,,
थारि लीला मिठी लागैं, ओजी करनल जी किरतार।
माँ क्रुपों करों माँ……….. 6
 
दु:खडा हरणी माँ सुख भरणी, लीला हैं मतवाली,
विनती सुणलें मात भवानी, अम्बा आवड काबावाली,,
थारा रूप अनेक माता, किरपा राखों देशाणे अंदाता ,
माँ क्रुपा करों माँ…………. 7

ओजी रणदेव शीश नमावें, पहली चिरज रचाई,
माँ दें वरदान यही माँगू, किरपा कारों कर्नल माई, ,
जूग-जूग थारों यश गाऊं, माता सुणज्यों जी अर्ज म्हार।
माँ क्रूपा करो मेहाई मायड, देशाणे काबा वारी .
हैं काबावाली डोकरी,, आवड करनल अवतारी |
 
रणजीत सिंह चारण “रणदेव” , 
मूण्डकोशियाँ, राजसमन्द 
मोबाइल न. – 7300174927

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