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Month: October 2018

बाती को मत फूंक लगा ~ डाॅ. गजादान चारण ‘शक्तिसुत’

दीपों की जगमग ज्योति के माध्यम से संसार को ज्ञान, प्रेम, सौहार्द, समन्वय, त्याग, परोपकार, संघर्ष, कर्तव्यपरायणता, ध्येयनिष्ठा एवं रचनात्मकता का पाठ पढ़ाने वाले विशिष्ट त्योहार दीपोत्सव की हार्दिक बधाई…

ये चारण किसमें आते है – भवानीसिंह कविया नोख

*ये चारण किसमें आते है* मेरे मित्र ने मुझसे पूछी बात। किसमें आती है चारण जात। वर्ण व्यवस्था में वर्ण चार है। सनातन धर्म का यही सार है। वेद पुराण…

तेरस नुं महत्व मोगल प्रागट्य दिन – जोगीदान चंडीया

अरे आपा…. तेरस ने दिवसे भिमराणा थडा नो प्रथम समैयो थयेल….जन्मतो.. करणीजी..मोगल..नागबाई..बधां आसो नी सातम नां… तेरस नुं महत्व मोगल प्रागट्य दिन ज्यारे मिठापुर के भिमराणा ओखा ना चारणो ने …

शेर तथा सुअर की लड़ाई का वर्णन – हिंगलाजदान सेवापुरा

शेर तथा सुअर की लड़ाई का वर्णन, कृत – हिंगलाजदानजी सेवापुरा जयपुर दोहा गिर आडो जाडो गहर,घाटा विकट घणाह। बाहण उण जागां बस्या,त्रण लोयणां तणाह।। जिण जागां थाहर जबर,फाबै नाहर…

सेवामें श्रीमानजी, एक शिकायत ऐह….

कवि गिरधर दान रतनू “दासोडी” द्वारा “काव्य-कलरव” अर “डिंगळ री डणकार” ग्रुप रा कवियों ने निश्क्रिय रेवण सूं दियौडौ एक ओळभो देती कलरव अर डिंगल़ री डणकार रा मुख्य-संरक्षक / संरक्षक…

हरमाङा गांव के विषय में-राजेंद्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

!! हरमाङा गांव के विषय में !! वर्तमान में जयपुर शहर का नगर निगम का वार्ड बनगया हरमाङा पहले गाडण चारणों की जागिर की स्वशासन का गांव था, इस गांव…

बारहठ शंकर और महाराजा रायसिंह-राजेंद्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

! बारहठ शंकर और महाराजा रायसिंह !  प्रसिध्द महात्मा भक्तप्रवर ईश्वरदासजी के काका आशाजी भी बङे भक्त व कवि थे उनकी वंश परंपरा में ही चाहङजी, दूदाजी, आदि भी अपने…

आशिया प्रभुदानजी भांडियावास-राजेंद्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

आशिया प्रभुदानजी भांडियावास !!                             आशिया प्रभसा रो जसौल ठिकाणै म सदा सनातनी सीर, रावऴसा व बाजीसा एक बीजा रा दुख सुख रा साथी, बाजीसा न देखियां बिना रावऴसा ने…

गीत सौदा बारहठां री वीरता रो- राजेंद्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर

गीत सौदा बारहठां री वीरता रो !!   !! गीत !! पालम झङ पोऴ चत्र गढ ऊपर, जमणो लङ मांडू जोधार ! पीऴे खाऴ अचऴ भङ पङियो, बेणो गढ मांडऴ उण…

झालामान शतक- नाथूसिंहजी महियारिया

नाथूसिंहजी महियारिया रचित झाला मान शतक सर कोटि री उंचे दरजे री बेजोङ रचनाहै जिण कृति में सादङी (मेवाङ) रै राजराणा झाला मानसिंह जी रै उद्भट शौर्य, अदम्य साहस अर…