अठे हर कोई भरे बटका – आशूदान मेहडू
😁 अठे हर कोई भरे बटका 😁 …. राजस्थानी हास्य कविता …. घुमावण ने नहीं ले जावां, तो घराळी भरे बटका ……। घराळी रो मान ज्यादा राखां, तो माँ भरे…
😁 अठे हर कोई भरे बटका 😁 …. राजस्थानी हास्य कविता …. घुमावण ने नहीं ले जावां, तो घराळी भरे बटका ……। घराळी रो मान ज्यादा राखां, तो माँ भरे…
मेरे आदरणीय पाठक सज्जनों. . …….. राजस्थानी हास्य कविता ..” हर कोई भरे बटका ” का विलोम…. ” पछे कांईं भरे बटका ” पेश है मुलाहिजा फरमावैं । 1. जद…
“सर्वत्र शुभम भवतु” आज चैत्र नवरात्रि के पावन दिवस पर श्री देवी की इस शुभ स्थपना वेला मे आप सभी परिचितों, मित्रों, स्नेहियों एवं अध्यात्मिक प्रेमियों को मैं स्हृदय नमन…
👍-सगे ने सौगात👌 “विकराल वींदणी” इक भोलिये भावना जगी जबर मन मैं, वींदणी लावण री वात करतो । काम काँधे चढयो करे नित किलोला,बिलोला साथियां राड़ रड़तो । घेलियो…
“होली रो हुबाल” नित होली रो भायां नोखो,फबतो फाग सुणावुं हुं । अटड़ पटड़ आ बातां अबखी,लाम्बी पोथी लावुं हुं । सुणज्यो सगला फाग फजीती, पट्टा झाटक मैं आवुं हुं…
“निति विधान” सत्य बात अति सुहावनी, धरहु हृदय धर ध्यान । मोटप,मद,मूढमति, तजि आडम्बर अज्ञान । जग स्वार्थ,अर्थ शुन्य, ना भेरु भीर रख भान । काम बिगारत कैक कुटिल, बावनिंया…
“महादेव को मेरा संदेश” हम चारण पूत मैया के भोले, तू मैया का घर वाला। हमरा तुम संग नाता जुना, हम बालक तेरे बाला।। तू भांग धतूरा गांजा पीवे, निश…
“दिल लगी” “गज़ल” मैने सीखा है जिंदगी मे, हर दिल दिल से लगाना। यही जीवन है मेरा यारो, यही मेरा फसाना। मैं पीता नहीं शराब कभी, किसी ग़म को भगाने।…
“जीऐं बेटीयाँ” किसी शायर ने पूछ लिया, सागर से एक दिन। तूं है बड़ा विशाल, तेरा दामन भी है गुलशन।। क्या है वजूद तेरा, तेरा परिवार क्या क्या ? मुस्कुराते…
सोचो उस दिन देश का, होगा कैसा हाल। शिक्षक ने गर छोड़ दी, नेकनियति की चाल।। सतयुग से कलियुग तक देखो, ये इतिहास गवाही देता। शिक्षक हरदम देता रहता, बदले…