चावी चंपा चारणां ~ संग्रामसिंह सोढा सचियापुरा
चावी चंपा चारणां चंपा हंदो चाव सूं, विध विध करूं वखाण। साद सेवकां सांभळै, अबखी वेळा आण।। चावी चंपा चारणां, मेहडुवां घण माण। दीपी वसुधा डीणसी, सो धरती सोढाण।।। चावी…
चावी चंपा चारणां चंपा हंदो चाव सूं, विध विध करूं वखाण। साद सेवकां सांभळै, अबखी वेळा आण।। चावी चंपा चारणां, मेहडुवां घण माण। दीपी वसुधा डीणसी, सो धरती सोढाण।।। चावी…
म्हे मेहड़ू पारकरा, धरा प्रथम सुं ध्येय। झुकण, रुकण जाणां नहीं टणकी सिंहाँ टेव।। ~आशूदानजी मेहडू कलिंगर आंजस करो, आंजसे महेडू आज। विशोतेर आंजस करो, राज थकी धनराज।। ~धनराजजी मेहडू (प्रेषित-भवरदान…
चम्पा माँ री चिरजा दोहा प्रथम वन्दन आवड़ा,मोटा करनल माव। अजय सिंवरै आपनै,चम्पा माँ कर चाव।। चिरजा हो म्हारौ बेड़ो पार लगादे म्हारी माय। म्हारी मावड़ी हो म्हारी माय।।स्थाई।। आई…
मान वधारण महीपर- श्री खेतदानजी बारहठ भादरेस मान वधारण महीपर, जाबक चारण जात। धन धन डिणसी धाम धर, मेहड़ू चँपा मात। भगती भरीज भावना, खास गुरू खेतेश। गीता रामायण ज्ञान…
छंद – दोमळियो दुहो प्रगट मात पृहमी परे,हरणी विपत हजार. चरणा दीजो चारणी,चांपल जुगरी चार. छंद धिन चारण कुळ जळोमळ जोगण,ओप दिरावण आप सही. अवतार अपार धिराण महाबळ,सेवकरी सरकार कही.…
चम्पा माँ री दोहावली रणदेव कृत सुमरूं गणपति आपनैं, मंगल करों महान्। शारदा बणों सारथी,, देओं आखर दान।।1।। मांडू आखर मायडी, रणदेव नैं रसाव। किरपा जद आ करौला,,तदी शब्द संजाव।।2।।…
।। चिरजा ।। मनवा मात सुमर जग मोंही थारो अवसर जाय अकाजा….टेर दिल सुध सू आवे दुखियारी,देसनोक दरवाजा । रोग दोस हर मात रूखाले,तन कर देवे ताजा ।। मनवा….१ ढोल…
है वही जो ज्ञान के आलोक को जग में फैलाता। है वही जो आदमी को आदमी बनना सिखाता। जो सभी को प्रेम का संदेश देता है सदा, उस गुरु के…
दाल मे काला नग़मा “तक धिनाधिन देखो भाई ! पड़ गया रे, दाल में काला। मिलाते हैं जोर लोग, मसाले में मसाला।। 1. गर सुन ले कोई बात, किसी और की…
– आशू।।तिकडमी तड़का।। राग.. खडी नीम रे निचे मैं एकली. मैं गावड चारण गत नी जाणु चोखी चारण रीत री। कीकर चिपकी देव चारण रे कीचड कुसंप कुरीत री, हो…