देवी चँपा माता रा छँद – रिडमलदान बारहठ भीयाड
देवी चँपा माता रा छँद रचना रिडमलदान बारहठ भीयाड दोहा चँपा दैवी चारणी मेहडू कुल महान वागजि तात वखाँणियै माता धनुवा माँन दैवी प्रगटी डीणसी धाट धरा धनवँत वागा शुभ…
देवी चँपा माता रा छँद रचना रिडमलदान बारहठ भीयाड दोहा चँपा दैवी चारणी मेहडू कुल महान वागजि तात वखाँणियै माता धनुवा माँन दैवी प्रगटी डीणसी धाट धरा धनवँत वागा शुभ…
हाथ जब थामा उन्होंने, हड़बड़ी जाती रही। जिंदगी के जोड़ से फिर, गड़बड़ी जाती रही। ‘देख लूंगा मैं सभी को’ हम भी कहते थे कभी, आज अनुभव आ गया तो,…
Previous Next श्रीदेवल माता सिंढायच देवल माता का जन्म पिगलसी भाई ने सवंत १४४४ माघ शुद्धी चौदस के दिन बताया गया हे लेकिन वि सं 1418 में घडसीसर तालाब की…
दादाजी का कमरा जिसमें बच्चे मौज मनाते हैं। नित्य नई बातें बच्चों को, दादाजी बतलाते हैं। इक दिन दादाजी ने बोला, आज पहेली पूछूँगा। जो भी उत्तर बतलाएगा, उसको मैं…
ये षड्यंत्री दौर न जाने, कितना और गिराएगा। छद्म हितों के खातिर मानव, क्या क्या खेल रचाएगा। ना करुणा ना शर्म हया कुछ, मर्यादा का मान नहीं। संवेदन से शून्य…
01. क्रांतिवीर शहीद नानभा बारहठ (निरंजन वर्मा 1947) 02. चारण सपूत वीर देवपालसिंह देवल- Clikc Hare 03. चारण सपूत वीर जब्बरदान मेहडू- Clikc Hare 04. चारण सपूत वीर राजवीरसिंहजी खिड़िया-…
कवि खेतदानजी मीसण ने एक प्रेमावती छन्द में कहा है कि……… कूड़ा धुड़ा सबे कबीला, ठग बाजि ठेराया है।गरज मटी तो मटेया गोठी, गरजे गीत गवाया हे।। पूरा हेतु…
आदरणीय सर्व श्री चारण समाज आज क्रांतिकारी बलिदानी केसरीसिंह की पुण्य तिथि है, मैं उस वीर क्रांति को मेरे इन श्ब्दों से श्रद्धांजली दे रहा हूं स्वीकार करावें। केसरी नमन…
“निति विधान” सत्य बात अति सुहावनी, धरहु हृदय धर ध्यान । मोटप,मद,मूढमति, तजि आडम्बर अज्ञान । जग स्वार्थ,अर्थ शुन्य, ना भेरु भीर रख भान । काम बिगारत कैक कुटिल, बावनिंया…