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Month: December 2017

मढडा वाळी माताने वंदन अमारा

मढडा वाळी माताने वंदन अमारा ! नित उठी प्रभाते करु दर्शन तमारा मढडा वाळी माताने वंदन अमारा ! कठण कळीकाळ मां माँ आशरो तमारो बाळक जाणी मने पार उतारो अज्ञान…

जांमा सति का त्रिभंगी छंद – कवि मधुकर माड़वा (भवरदानजी)

धन्य सुन्दर तण धिवड़ी, निज उण जांमा नाम। हड़वेची जल अमर हुइ, कर सुकरत भल काम।(1) जाती तणा किया जतन, गाल सती धन गात । पात देथो  अमर पती, मीठड़ियै…

धाट पारकर भाषाई अस्मिता- अमरदान आशिया पार्वतीतलाई

सादर जय माता जी री। सर्वप्रथम, भावों की पूर्ण अभिव्यक्ति न हो पाने के कारण मैं धाटी में न लिख कर हिंदी में लिख रहा हूँ इसके लिए मुझे खेद…

कथा रो नाम-चूनड़ी (अमरदानजी आशिया पर्वतीतलाई)

दरिया साकळो वेड़ो बोआरती पड़ी ती, इते दरिया री देरांणी आए अन बोली – लाडी आज वळे बजार गयी है? दरिया लारे जोए अन बोली- बाई की करां ? अरजन…

गूदड़ी वाले बाबा गणेशदास जी !!

आज से लगभग अस्सी नब्बे वर्ष पहले एक महान संत जयपुर के आसपास विद्यमान थे, जो गूदड़ीवाले बाबा के नाम से जाने जाते थे। उनका नाम गणेशदासजी था। वह दादूपंथी…

આઇ સોનલમાં પર ની શ્રદ્ધા નો અદ્ભુત પ્રસંગ- જયેશદાન ગઢવી

ડિસેમ્બર – 1971 મા ભારત અને પાકિસ્તાન વચ્ચે યુદ્ધ દરમિયાન થર પારકર વિસ્તારના હિંદુ પરિવારો માદરે વતન ને છેલ્લી સલામ ભરી ભારતની ભુમિ તરફ ચાલી નીકળ્યા. કચ્છ, બનાસકાંઠા, બાડમેર, જેસલમેર…

चारण को चारण बनाये रखने में हमारी भूमिका – नारायणसिंह तोलेसर

जय हिंगलाज सम्मानित देवियों और सज्जनों ! आज मैं इस ग्रुप के शताधिक सदस्यों का ध्यान एक परम ज्वलन्त विषय ,जिसका जिक्र मैंने पहले भी एक दो बार किया था,…