पुज्य संत श्री दयालपुरीजी का परिचय
जन्म दिनांक व उम्र | 52वर्ष, 1965ई. या विक्रम संवत 2022 |
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जन्म स्थान | बगनू (पाकिस्तान) |
शिक्षा | बीए |
परिचय | |
नाम – संत श्री दयालपुरीजी पिताजी का नाम- स्व.जुगतीदानजी दादोसा का नाम- स्व.देशलदानजी गौत्र- देथा(देविदास) | |
वर्तमान पता | |
हरगंगेश्वर महादेव मंदिर हाथीदरा बनासकांठा | |
जीवन परिचय | |
अपनी विशिष्ट लौकिक संस्कृति के लिए धाट पारकर की धरा प्रख्यात है। इसे अनेक सतियों, संतों और काव्यसृजकों की जन्मभूमि अथवा कर्मभूमि होने का गौरव प्राप्त है। धाट धरा के बगनू गांव मे जुगतीदानजी और धापूदेवी की गृहस्थ वाटिका में लक्ष्मणदान नाम का एक पुष्प खिला कालांतर में इस बालक ने अपने तपोबल से संपूर्ण समाज को सुवासित किया। भारत आगमन के पश्चात इस बालक के मन में सुसुप्त रूप में विद्यमान वैराग्य के बीज प्रस्फुटित होकर वटवृक्ष का आकर लेना चाहते थे। तभी मणि कांचन सा संयोग हुआ और आपने परम पुज्य संत शिरोमणि *हरदेवपुरीजी महाराज* को गुरु के रूप में प्राप्त किया। यह आपकी आध्यात्मिक यात्रा का महत्वपूर्ण पङाव था। फलस्वरूप आपने सांसारिक तृष्णाओं का परित्याग कर मानव जीवन को सफल बनाने का निश्चय किया। आप संत *श्री दयालपुरीजी* के नाम से विख्यात है। वर्तमान में गुजरात के बनासकांठा क्षेत्र में स्थित श्री हरगंगेश्वर महादेव मंदिर (हाथीदरा) में आप मंहत श्री है। अनवरत योग साधना और तपोबल से अपनी शिष्य संपदा का मार्गदर्शन करते हैं। आप अपने प्रवचनों में मुख्यतया नशे और व्यसन से मुक्त जीवन जीने का संदेश देते है। |
यहा थोड़ा विस्तार से संत श्री दयालपूरीजी का पेढ़ीनामा रखने का प्रयास किया है जो अलग अलग पेढ़ीनामो में से प्राप्त हुई जानकारी है, भूल हेतु क्षमा सुधार हेतु सुझाव जरूर देवे
मनदुरुपजी के तीन पुत्र
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1.सुरोंजी, 2.खानोंजी, 3.आनोजी
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1.सुरोजी का परिवार
सुरोजी के तीन पुत्र
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1.भोमोजी, 2.जोगराजजी, 3.डूंगरोजी
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1.भोमोजी के चार पुत्र
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1.रामचन्द्रदानजी, 2.हदाजी, 3.मयारमदानजी, 4.भारथदानजी
2.हदाजी का परिवार
हदाजी के दो पुत्र
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1.देशलदानजी, 2.पहाड़दानजी
1.देशलदान के छः पुत्र
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1.जुगतीदानजी, 2.वागदानजी, 3.कोजदानजी, 4.मंगलदानजी, 5.सतीदानजी, 6.मुरारदानजी
1.जुगतीदानजी के तीन पुत्र
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1.छगनदानजी, 2.खुमाणदानजी, 3.पूज्य बापजी दयालपुरीजी
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