Sat. Apr 19th, 2025

शहीद सिरोमणी जोरावरसिंहजी बारहठ नैं सादर नमन अर श्रद्धांजल

मरट धार उर मांय, मन डर आगो मेलियो।
चित आजादी चाय, जूझ्यो धर कज जोरड़ो।।1

उरां मरण अणबीह, रहियो रेणव रातदिन।
सोदो जंगल़ सींह, जबर गाजियो जोरड़ो।।2

अँगरेजां सूं आय, अड़ियो दिल्ली आंगणै।
घट होरडिंग घाय, जबर कीनो जोरड़ै।।3

दूजा तो दिनरात, सुख सैजां सूता सदा।
परतख नाहर पात, जूझ्यो फिरँगां जोरड़ो।।4

नह लीनी सुख नींद, दुख भारत रो देखनै।
बणियो सोदो बींद, जूझ मरण कज.जोरड़ो।।5

बिखमी वेल़ा वीर, भम जँगल़ां में भटकियो।
धुर नह छोड्यो धीर, जूझ मरण कज जोरड़ै।।6

सहिया हद संताप भूख तिरस साजी भल़ै।
अडरपणै धिन आप, जो नहीं मुड़ियो जोरड़ो।।7

भाखर ओटां भाल़़, रहियो कव चढ रूंखड़ां।
कटक गोरां रो काल़, जबरो बणियो जोरड़ो।।7

विदग किसन रै बाल़, जनम्यो जद तूं जोरवर।
थिर जस वाल़ा थाल़, जबरा बाज्या जोरड़ा।।8

उर अजर आपाण, कव वजर रो काल़जो।
गोरां सूं घमसाण, जद तूं लड़ियो जोरड़ा।।9

लेस नहीं लायोह, आल़स पिंड में आपरै।
जग किसनै जायोह, जूझण गोरां जोरड़ा।।10

जग सह अंजस जात, मातभोम अँजसै मनां।
रे थारोड़ी रात, जनम्यो तुंही जोरड़ा।।11

–गिरधरदान रतनू दासोड़ी

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